भारत के बाहर और अंदर कुछ ताकतें देश को अस्थिर करने का प्रयास कर रही हैं : प्रधानमंत्री

भारत के बाहर और अंदर कुछ ताकतें देश को अस्थिर करने का प्रयास कर रही हैं : प्रधानमंत्री

भारत के बाहर और अंदर कुछ ताकतें देश को अस्थिर करने का प्रयास कर रही हैं : प्रधानमंत्री
Modified Date: October 31, 2024 / 10:58 am IST
Published Date: October 31, 2024 10:58 am IST

(फोटो के साथ)

एकता नगर, 31 अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के अंदर और बाहर कुछ ताकतें देश को अस्थिर करने और दुनिया में इसकी नकारात्मक छवि बनाने के लिए अराजकता फैलाने की कोशिश कर रही हैं।

भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद गुजरात के नर्मदा जिले के एकता नगर में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के निकट एक सभा को प्रधानमंत्री संबोधित कर रहे थे ।

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साल 2014 से, सरदार पटेल की जयंती 31 अक्टूबर को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाई जाती है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत के अंदर और बाहर कुछ ताकतें देश को अस्थिर करने और दुनिया में इसकी नकारात्मक छवि बनाने के लिए अराजकता फैलाने की कोशिश कर रही हैं। वे देश को जाति के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं और विकसित भारत के खिलाफ हैं।’

उन्होंने देश के लोगों से ‘अर्बन नक्सलियों’ के इस गठजोड़ की पहचान करने का आग्रह किया और कहा कि ये लोग देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘जैसे-जैसे जंगलों में नक्सलवाद खत्म हो रहा है, अर्बन नक्सलियों का एक नया मॉडल पनप रहा है। आज अर्बन नक्सली उन लोगों को भी निशाना बना रहे हैं जो कहते हैं कि अगर आप एकजुट रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे। हमें अर्बन नक्सलियों की पहचान कर उनका पर्दाफाश करना होगा।’

मोदी ने कहा कि हालांकि ऐसे लोग भी थे जो भारत के एकीकरण को लेकर सशंकित थे, लेकिन सरदार पटेल ने इसे संभव बनाया।

उन्होंने कहा कि देश अगले दो वर्षों तक पटेल की 150वीं जयंती मनाएगा। उन्होंने कहा, ‘हमारा देश ‘एक राष्ट्र, एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता’ के कार्यान्वयन की ओर बढ़ रहा है, जो हमारे देश को मजबूत बनाएगी। हम ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पहल को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे हमारा लोकतंत्र मजबूत होगा।’

उन्होंने कहा, ’70 साल में पहली बार जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री ने संविधान की शपथ ली है।’

उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार के प्रयासों के कारण नक्सलवाद भारत में अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है।

भाषा जोहेब रंजन

रंजन


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