नई दिल्ली: सीबीआई की विशेष अदालते ने सोमवार को रॉबर्ट वाड्रा और सहयोगी मनोज अरोड़ा को मनी लॉन्ड्रिंग केस के केस में जमानत दे दी है। कोर्ट ने दोनों की जमानत की राशि 5 लाख रुपए तय की है। बता दें कि रॉबर्ट वाड्रा और मनोज अरोड़ा दोनों फिलहाल अंतरिम जमानत पर थे। कोर्ट ने दोनों को यह भी ओदश दिया है कि बिना अनुमति देश नहीं छोड़ सकते साथ ही जब पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा उन्हें आना होगा। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। अदालत में ईडी के वकील का कहना था कि वाड्रा के खिलाफ सबूत पर्याप्त हैं और उससे हिरासत में लेकर पूछताछ की जानी चाहिए। जांच एजेंसी का दावा है कि उसने पेट्रोलियम और रक्षा सौदों में रिश्वत ली है।
Money laundering case: Robert Vadra and Manoj Arora have to furnish a personal bail bond of Rs. 5 lakhs. https://t.co/wOuETeW44Y
— ANI (@ANI) April 1, 2019
जानिए यह है पूरा मामला
ईडी एक पेट्रो-केमिकल कॉम्पलेक्स की जांच कर रहा है। इसे ओएनजीसी ने विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाने का निर्णय लिया था। सैमसंग इंजीनियरिंग को इसका हिस्सा बनाने के लिए ओएनजीसी ने पैसे दिए थे। इसके बाद सैमसंग ने संजय भंडारी की दुबई स्थित कंपनी इंटरनेशनल एफजेडसी को काम दिया। यह अनुबंध सैमसंग को दिसंबर 2008 में मिला था और कंपनी ने इसके बाद सेंटेक को 49,90,000 अमेरीकी डॉलर का भुगतान किया था। भंडारी की सेंटेक ने जून 2009 को लंदन के 12 ब्रायनस्टन स्क्वायर में संपत्ति खरीदी थी। यह संपत्ति वर्टेक्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर पंजीकृत थी।
सेंटेक ने वर्टेक्स के खाते में 17 करोड़ रुपये के स्टर्लिंग स्थानांतरित किए। वर्टेक्स प्राइवेट लिमिटेड ने अपने सारे शेयर स्काई लाइट इनवेस्टमेंट एफजेडईऊ दुबई ने खरीद लिया था जिसका पूरा नियंत्रण लंदन में सी थम्पी करते थे। रिपोर्ट्स के अनुसार सी थम्पी रॉबर्ट वाड्रा के करीबी माने जाते हैं। संजय भंडारी, सुमित चढ्डा (स्जय का लंदन स्थित रिश्तेदार), मनोज अरोड़ा और रॉबर्ट वाड्रा के बीच ईमेल के जरिए हुई बातचीत से पता चला है कि उन्हें वाड्रा की संपत्ति में गहरी रुची थी और वे इसके नवीकरण को लेकर किए जा रहे कामों को जानना चाहते थे। ईडी का दावा है कि भंडारी ने स्टर्लिंग का 59 लाख रुपये का अतिरिक्त खर्च वहन किया। इसके बावजूद मेयफेयर एफजेडई शारजाह दुबई को 17 करोड़ रुपये स्टर्लिंग के लिए 12 ब्रायनस्टन स्क्वायर की संपत्ति बेच दी गई।