स्टालिन ने सिनेमेटोग्राफ कानून में संशोधन का विरोध किया, वापस लेने की मांग की

स्टालिन ने सिनेमेटोग्राफ कानून में संशोधन का विरोध किया, वापस लेने की मांग की

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  • Publish Date - July 6, 2021 / 08:55 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:46 PM IST

चेन्नई, छह जुलाई (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मंगलवार को मसौदा सिनेमेटोग्राफ (संशोधन) विधेयक, 2021 का विरोध किया और कहा कि प्रस्तावित “संशोधन अपने आप में नागरिक संस्थाओं में सही सोच को बढ़ावा देने की भावना के खिलाफ” है और इसे वापस लिये जाने की मांग की।

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद को भेजे गए एक पत्र में उन्होंने कहा कि फिल्म समुदाय की रचनात्मक सोच पर अंकुश लगाना और फिल्में कैसे बनाई जाएं उन पर यह शर्त थोपना “पूर्णत: अनुचित” है।

तमिल फिल्म निर्माता परिषद समेत राज्य के फिल्म उद्योग के प्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा मुलाकात कर केंद्र के समक्ष यह मामला उठाने का अनुरोध किये जाने के एक दिन बाद स्टालिन ने प्रसाद के समक्ष यह मामला उठाया।

स्टालिन ने कहा, “मसौदा विधेयक ने न सिर्फ फिल्म समुदाय से जुड़े लोगों और फिल्म उद्योग के मन में बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को मानने वाले समाज के वर्गों के मन में भी गहरी आशंकाओं को जन्म दिया है।”

उन्होंने कहा कि एक जीवंत लोकतंत्र को रचनात्मक सोच और कलात्मक स्वतंत्रता के लिये पर्याप्त गुंजाइश रखनी चाहिए।

प्रस्तावित संशोधन में फिल्म पाइरेसी के लिए जेल की सजा और जुर्माने का प्रावधान, उम्र आधारित प्रमाणपत्र जारी करने का नियम लागू करने और शिकायत प्राप्त होने की स्थिति में पहले से प्रमाणपत्र पा चुकी फिल्मों को दोबारा प्रमाणपत्र जारी करने का अधिकार केन्द्र सरकार को देने की बात प्रमुख है।

भाषा

प्रशांत शाहिद

शाहिद