नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने जेल में बंद विधायक अब्बास अंसारी को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर स्थित उसके आवास पर 10 जून को अपने दिवंगत पिता मुख्तार अंसारी की याद में आयोजित होने वाली एक प्रार्थना सभा में शामिल होने की बुधवार को अनुमति दे दी।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने अब्बास अंसारी को 11 जून और 12 जून को पुलिस हिरासत में अपने परिवार के साथ समय बिताने की भी अनुमति दी और राज्य पुलिस को इस संबंध में व्यवस्था करने का निर्देश दिया।
उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया कि अंसारी को नौ जून से पहले गाजीपुर जेल में स्थानांतरित कर दिया जाये और बिना किसी बाधा के प्रार्थना सभा में शामिल होने की अनुमति दी जाये।
पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता को 10 जून की शाम छह बजे वापस गाजीपुर लाया जायेगा और 11 जून और 12 जून की सुबह नौ बजे उसे फिर से उसके घर ले जाया जाएगा और दोनों दिन परिवार और करीबी रिश्तेदारों के साथ समय बिताने की अनुमति दी जायेगी।’’
उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) गरिमा प्रसाद ने कहा कि अब उसके पिता की मृत्यु से संबंधित सभी कार्यक्रम उसकी स्वयं की स्वीकारोक्ति के अनुसार संपन्न हो चुके हैं।
एएजी ने पीठ से अपने आदेश में यह कहने का अनुरोध किया कि यह कोई मिसाल नहीं होगी क्योंकि राज्य में एक लाख से अधिक कैदी हैं और अदालत में ऐसे अनुरोधों की बाढ़ आ जाएगी।
पीठ ने कहा, ‘‘कानून एवं व्यवस्था से निपटने का मुद्दा आपके लिए है। हमें एक लाख लोगों को यह राहत देने में कोई आपत्ति नहीं है।’’
अपराधी से नेता बने मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को उत्तर प्रदेश के बांदा के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी।
उच्चतम न्यायालय ने अब्बास अंसारी को अपने मृत पिता के 40वें दिन के कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से शामिल होने की अनुमति दे दी थी।
मऊ सदर सीट से पांच बार विधायक रहे मुख्तार अंसारी को गत 30 मार्च को गाजीपुर में सुपुर्द-ए-खाक किया गया था।
मुख्तार अंसारी (63) के खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे।
भाषा
देवेंद्र नरेश
नरेश
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