उच्चतम न्यायालय ने तीन दशक पुराने मामले को खारिज किया

उच्चतम न्यायालय ने तीन दशक पुराने मामले को खारिज किया

उच्चतम न्यायालय ने तीन दशक पुराने मामले को खारिज किया
Modified Date: February 11, 2025 / 09:31 pm IST
Published Date: February 11, 2025 9:31 pm IST

नयी दिल्ली, 11 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को 33 साल से अधिक पुराने एक मामले को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि जब पक्षों ने मुद्दा सुलझा लिया है तो सुनवाई को आगे बढ़ाना व्यर्थ होगा।

न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जनवरी 2023 के आदेश के खिलाफ अपील पर फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया था कि हत्या के प्रयास के मामले में समझौता नहीं किया जा सकता।

पीठ ने कहा, ‘‘घटना 11 अगस्त 1991 की है, यानी करीब 33.5 साल पहले की। इसमें कोई शक नहीं कि प्राथमिकी में गोलीबारी का जिक्र है लेकिन कोई चोट नहीं आई।’’

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उच्च न्यायालय ने अगस्त 1991 में दर्ज मामले में कार्यवाही को रद्द करने के आग्रह वाली अर्जी खारिज कर दी।

शीर्ष अदालत ने मामले में चोट और इस्तेमाल किए गए हथियार की प्रकृति पर विचार किया।

इसने कहा कि जब पक्षों ने मुद्दा सुलझा लिया है तो सुनवाई आगे बढ़ाना व्यर्थ होगा।

पीठ ने कहा कि यह एक ऐसा मामला था जिसको बंद करने के लिए पुलिस की ओर से रिपोर्ट दी गई थी, जिसे उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक मजिस्ट्रेट ने खारिज कर दिया था।

भाषा

नेत्रपाल पवनेश

पवनेश


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