उच्चतम न्यायालय ने संदेश दिया है कि सत्ता को आईना दिखाना राजद्रोह नहीं हो सकता: कांग्रेस

उच्चतम न्यायालय ने संदेश दिया है कि सत्ता को आईना दिखाना राजद्रोह नहीं हो सकता: कांग्रेस

उच्चतम न्यायालय ने संदेश दिया है कि सत्ता को आईना दिखाना राजद्रोह नहीं हो सकता: कांग्रेस
Modified Date: November 29, 2022 / 08:05 pm IST
Published Date: May 11, 2022 3:34 pm IST

नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय द्वारा राजद्रोह के मामलों में सभी कार्यवाहियों पर रोक लगाए जाने की पृष्ठभूमि में बुधवार को कहा कि देश की शीर्ष अदालत ने यह संदेश दिया है कि सत्ता को आईना दिखाना राजद्रोह नहीं हो सकता।

पार्टी ने यह भी कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश से यह भी साबित हो गया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने राजद्रोह कानून को खत्म करने का जो वादा किया था वह सही रास्ता था।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘सच बोलना देशभक्ति है, देशद्रोह नहीं। सच कहना देश प्रेम है, देशद्रोह नहीं। सच सुनना राजधर्म है, सच कुचलना राजहठ है। डरो मत!’’

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पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘सत्ता को आईना दिखाना राष्ट्रधर्म है। यह देश विरोधी नहीं हो सकता। उच्चतम न्यायालय ने आज यही स्पष्ट संदेश दिया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सत्ता के सिंहासन पर बैठे निरंकुश शासक, लोगों की आवाज कुचलने वाले निरंकुश राजा, जनविरोधी नीतियों की आलोचना करने पर लोगों को जेल में डालने वाले राजा अब जान लें कि जनता खड़ी हो चुकी है, अब जनता को दबाया नहीं जा सकता है।’’

सुरजेवाला के अनुसार, ‘‘कांग्रेस 2019 में यह कानून खत्म करना चाहती थी, आज उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था से यह साबित हो गया कि हमारा रास्ता सही है।’’

उच्चतम न्यायालय ने राजद्रोह के मामलों में सभी कार्यवाहियों पर बुधवार को रोक लगा दी और केंद्र एवं राज्यों को निर्देश दिया कि जब तक सरकार औपनिवेशिक युग के कानून पर फिर से गौर नहीं कर लेती, तब तक राजद्रोह के आरोप में कोई नई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाए।

प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की एक पीठ ने कहा कि राजद्रोह के आरोप से संबंधित सभी लंबित मामले, अपील और कार्यवाही को स्थगित रखा जाना चाहिए।

भाषा हक हक मनीषा

मनीषा


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