Publish Date - February 5, 2025 / 01:12 PM IST,
Updated On - February 5, 2025 / 01:28 PM IST
Supreme Court Big Decision/ Image Credit: IBC24 File
नई दिल्ली: Supreme Court सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को अवैध रूप से रह रहे विदेशियों को डिपोर्ट करने में विफल रहने पर कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने इस मामले में गंभीर सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि असम राज्य ने विदेशियों के रूप में घोषित व्यक्तियों को निर्वासित करने के लिए उचित कदम नहीं उठाए और उन्हें डिटेंशन सेंटर में अनिश्चितकाल तक रखने की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि असम सरकार अगले दो सप्ताह के भीतर डिटेंशन सेंटर में रखे गए 63 लोगों को निर्वासित करे।
Supreme Court जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुयान की बेंच में ये कार्रवाई हुई है। जस्टिस अभय एस ओका ने सरकार ने सवाल किया कि क्या वो किसी मुहुर्त का इंतजार कर रही है? जस्टिस अभय एस ओक ने असम के मुख्य सचिव से कहा कि आपने निर्वासन शुरू करने से इनकार किया है यह कहकर कि उनके पते का पता नहीं है, ये लोग हमारी चिंता क्यों होनी चाहिए? आप उन्हें उनके देश में निर्वासित कर सकते है। उन्होंने आगे कहा कि आप पते के बिना भी उन्हें निर्वासित कर सकते हैं।
न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि असम सरकार तथ्यों को दबा रही है। इसके बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब दिया कि उन्होंने शीर्ष प्रशासन से बात की है और कुछ कमियों के लिए माफी मांगी गई है। न्यायमूर्ति ओका ने कहा, “हम आपको झूठी गवाही का नोटिस जारी करेंगे। आपको साफ-साफ बताना चाहिए।”
सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को अवैध रूप से रह रहे विदेशियों को डिपोर्ट करने में विफल रहने पर फटकार लगाई है और यह सवाल उठाया कि उन्होंने विदेशियों को निर्वासित करने के लिए उचित कदम क्यों नहीं उठाए।
कोर्ट ने असम सरकार को कितने समय का समय दिया?
सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को डिटेंशन सेंटर में रखे गए 63 लोगों को दो सप्ताह के भीतर निर्वासित करने का निर्देश दिया है।
असम सरकार ने विदेशियों को डिपोर्ट करने में क्या कारण बताया था?
असम सरकार ने यह तर्क दिया कि विदेशियों के पते का पता नहीं चल पाया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस कारण से निर्वासन में देरी नहीं होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को क्या चेतावनी दी?
सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को झूठी गवाही देने पर नोटिस जारी करने की चेतावनी दी, साथ ही उन्होंने साफ तौर पर कहा कि असम सरकार को तथ्यों को दबाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
क्या असम सरकार को कोई और कदम उठाने के लिए कहा गया है?
सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार से यह भी कहा कि वह विदेशियों को निर्वासित करने के लिए तुरंत कार्रवाई शुरू करें, और इसके साथ ही झूठी गवाही देने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी।