उच्चतम न्यायालय ने वकीलों को वरिष्ठ अधिवक्ता पदनाम देने के खिलाफ याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

उच्चतम न्यायालय ने वकीलों को वरिष्ठ अधिवक्ता पदनाम देने के खिलाफ याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

उच्चतम न्यायालय ने वकीलों को वरिष्ठ अधिवक्ता पदनाम देने के खिलाफ याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा
Modified Date: October 4, 2023 / 08:42 pm IST
Published Date: October 4, 2023 8:42 pm IST

नयी दिल्ली, चार अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने वकीलों को वरिष्ठ अधिवक्ता पदनाम देने को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कभी-कभी आलोचना करना आसान होता है।

पीठ ने सात अन्य लोगों के साथ याचिका दायर करने वाले वकील मैथ्यूज जे नेदुम्परा से कहा, ‘‘आलोचना करना आसान है लेकिन व्यवस्था का रचनात्मक कार्य करना कठिन है।’’ पीठ ने कहा, ‘‘बहसें सुनी गईं। फैसला सुरक्षित रखा जाता है।’’

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याचिकाकर्ताओं ने अधिवक्ता अधिनियम, 1961 की धारा 16 और 23 (5) को चुनौती देते हुए दावा किया है कि ये ‘‘वकीलों, वरिष्ठ अधिवक्ताओं और अन्य अधिवक्ताओं के दो वर्ग बनाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप वास्तविक व्यवहार में अकल्पनीय असमानताएं पैदा हुई हैं, जिस पर संसद ने निश्चित रूप से विचार नहीं किया या अनुमान नहीं लगाया।’’

अधिवक्ता अधिनियम की धारा 16 वरिष्ठ और अन्य अधिवक्ताओं से संबंधित है, धारा 23 (5) वरिष्ठ अधिवक्ताओं को अन्य वकीलों की तुलना में अधिकार से संबंधित हैं।

याचिका में दावा किया गया है कि वकीलों को वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित करना, ‘‘विशेष अधिकारों, विशेष दर्जा वाले अधिवक्ताओं का एक विशेष वर्ग बनाना, जो सामान्य अधिवक्ताओं के लिए उपलब्ध नहीं हैं, असंवैधानिक है। यह अनुच्छेद 14 के तहत समानता के आदेश का उल्लंघन है।’’

मार्च में मामले की सुनवाई करते हुए, शीर्ष अदालत ने 2017 के अपने फैसले का हवाला दिया, जिसमें वकीलों को वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित करने की प्रक्रिया को नियंत्रित करने के संबंध में अपने और उच्च न्यायालयों के लिए दिशानिर्देश निर्धारित किए थे।

कई दिशा-निर्देशों के साथ सुनाए गए फैसले में कहा गया, ‘‘उच्चतम न्यायालय और देश के सभी उच्च न्यायालयों में वरिष्ठ अधिवक्ताओं के पदनाम से संबंधित सभी मामलों को एक स्थायी समिति द्वारा निपटाया जाएगा, जिसे ‘वरिष्ठ अधिवक्ताओं के पदनाम के लिए समिति’ के नाम से जाना जाएगा।’’

भाषा आशीष माधव

माधव


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