Supreme Court On Pornographic Content: सोशल मीडिया और OTT पर अश्लील कंटेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कंपनियों को नोटिस जारी कर केंद्र से मांगा जवाब

Supreme Court On Pornographic Content: सोशल मीडिया और OTT पर अश्लील कंटेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कंपनियों को नोटिस जारी कर केंद्र से मांगा जवाब

Supreme Court On Pornographic Content: सोशल मीडिया और OTT पर अश्लील कंटेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कंपनियों को नोटिस जारी कर केंद्र से मांगा जवाब

Supreme Court on Stray Dogs: 'इस मामले को बंद नहीं करेंगे...' डॉग लवर्स की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई / Image Source: File

Modified Date: April 28, 2025 / 07:36 pm IST
Published Date: April 28, 2025 7:30 pm IST
HIGHLIGHTS
  • सोशल मीडिया और ओटीटी कंटेंट पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस किया जारी ।
  • मामले में केंद्र सरकार से जवाब मांगा गया।
  • समाज के लिए बताया गंभीर विषय।

नई दिल्ली। Supreme Court On Pornographic Content: ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अश्लील कंटेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए केंद्र सरकार और कंपनियों से नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। यह कदम एक जनहित याचिका (PIL) पर उठाया गया है जिसमें मांग की गई है कि ओटीटी और सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री के प्रसारण को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं। कोर्ट ने नेटफ्लिक्स, अमेजन, उल्लू डिजिटल लिमिटेड, ऑल्ट बालाजी, ट्विटर, मेटा प्लेटफार्म और गूगल प्लेटफार्म्स को नोटिस जारी की है।

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इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा किस यह एक गंभीर चिंता पैदा करती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, यह मामला विधायिका या कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में आता है। वहीं केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि, कुछ रोज के कार्यक्रमों में भी अश्लील कंटेंट मौजूद थे। उन्होंने कहा कि, कुछ कार्यक्रम इतने विकृत होते हैं कि दो सभ्य पुरुष भी साथ बैठकर इन्हें नहीं देख सकते। इसे लेकर सरकार इस विषय को मुकदमेबाजी के रूप में नहीं देख रही है और जल्द ही संतुलित समाधान लेकर आएगी।

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वहीं याचिका में कहा गया कि, इस तरह के अश्लील कंटेंटे से विकृत और अप्राकृतिक यौन प्रवृत्तियों को बढ़ावा मिलता है, जिससे अपराध दर में भी बढ़ोतरी हो रही है। आजकल इंटरनेट की पहुंच और सस्ते कीमत के चलते सभी उम्र के यूजर्स तक अश्लील कंटेंट पहुंचाना आसान हो गया है, जो सार्वजनिक सुरक्षा में खतरा पैदा कर सकता है।

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Supreme Court On Pornographic Content: वकील विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट को बताया कि, यह याचिका समाज में बढ़ती एक गंभीर समस्या को उठाती है जहां बिना किसी रोक-टोक के आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित की जा रही है। जिसके बाद अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, OTT और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स भी सामाजिक जिम्मेदारी निभाएं। कोर्ट ने यह भी कहा कि, यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि, वह इस पर विचार करे। इसलिए कोर्ट ने सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। साथ ही जब तक कोई कानून नहीं बनता, तब तक एक समिति बनाई जाए जो कंटेंट को प्रमाणित करे और आपत्तिजनक सामग्री को प्रसारित होने से रोके।

 


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