अल्पसंख्यक संस्थानों के अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला, क्या सरकार को मिलेगा मदरसाओं में शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार?

अल्पसंख्यक संस्थानों के अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला, क्या सरकार को मिलेगा मदरसाओं में शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार?

अल्पसंख्यक संस्थानों के अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला, क्या सरकार को मिलेगा मदरसाओं में शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार?
Modified Date: November 29, 2022 / 08:21 pm IST
Published Date: January 5, 2020 11:12 am IST

नई दिल्ली । क्या सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के हालात सुधारने के मकसद से कानून बनाकर मदरसा समेत अन्य अल्पसंख्यक संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार छीनकर अपने हाथ में ले सकती है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट सोमवार को फैसला करेगी।

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इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की बेंच प. बंगाल मदरसा सर्विस कमिशन ऐक्ट, 2008 की संवैधानिक वैधता को परखकर फैसला सुनाएगी। इस ऐक्ट में कहा गया है कि मदरसाओं में शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार आयोग के पास होगा।

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इसका सेक्शन 8 कहता है कि ‘किसी भी दूसरे प्रभावी कानून या अनुबंध, रिवाज या परंपरा में निहित किसी भी चीज के बावजूद आयोग का यह कर्तव्य होगा कि वह शिक्षकों के खाली पदों पर नियुक्ति के लिए व्यक्ति का चयन एवं उसकी सिफारिश करे।’ इस प्रावधान के मुताबिक, अल्पसंख्यक संस्थानों की फंडिंग करने वाली सरकारों को भर्तियों के लिए दिशानिर्देश तय करने का सुझाव देने का अधिकार है।

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विभिन्न मदरसाओं की प्रबंधक समितियों ने इस संबंध में कलकत्ता हाई कोर्ट का रुख किया जिसने 2008 के कानून को यह कहते हुए असंवैधानिक करार दे दिया कि संविधान के अनुच्छेद 30 का उल्लंघन करता है। आर्टिकल 30 कहता है कि सभी अल्पसंख्यकों को अपनी पसंद का शैक्षणिक संस्थान खोलने और उसका संचालन करने का अधिकार है।

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2008 के कानून के तहत नियुक्त नए शिक्षकों ने हाई कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए शिक्षकों को अंतरिम राहत दे दी और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि फैसला आने तक शिक्षकों को नौकिरयों से नहीं हटाए। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि वह फैसला आने तक शिक्षकों को वेतन भी देते रहे।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com