Wakf Amendment Act | Photo Credit: IBC24
नई दिल्ली: Wakf Amendment Act सुप्रीम कोर्ट में आज वक्फ संशोधन कानून पर सुनवाई हुई। जिसमें मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ बेंच ने सर्वसम्मति से अंतरिम निर्णय में कहा कि हम पूरे वक़्फ कानून पर रोक नहीं लगा रहे हैं। इधऱ फैसला आया उधर पक्ष और विपक्ष का अपना-अपना दावा भी सामने आया। नए कानून के किन प्रावधानों का विरोध हो रहा था। कोर्ट ने किन प्रावधानों पर बदलाव किया और इस मामले में आगे क्या होगा?
Wakf Amendment Act सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। लेकिन इसके विरोध में लगी याचिका पर सुनवाई करते हुए कुछ प्रावधानों पर रोक लगा दी है। CJI बीआर गवई की अगवाई वाली 2 जजों की बेंच ने वक्फ कानून के खिलाफ दायर 5 याचिकाओं पर सुनवाई की। जिसमें कानून में किए गए 3 बड़े बदलावों पर अंतिम फैसला आने तक स्टे लगा दिया। इनमें वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति का नियम शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने जिन 3 बदलावों पर रोक लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून पर अंतरिम आदेश दिया है। इसका मतलब है ये कि मामले पर दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कानून पर रोक लगाने से इंकार कर दिया और कुछ प्रावधानों पर ही रोक लगाई है। वक्फ संशोधन कानून पर कोर्ट के अंतरिम फैसले का मुस्लिम समाज ने समर्थन किया है।
वक्फ कानून का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि इससे ऐतिहासिक वक्फ संपत्तियों की मान्यता खत्म हो सकती है, जिससे धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को नुकसान हो सकता है। ऐसे में जब कोर्ट के अंतरिम फैसले पर अब सियासत भी शुरु हो गई है।
कोर्ट के फैसले पर वक्फ कानून का विरोध करने वालों की अपनी दलीलें है, लेकिन कोर्ट ने वक्फ बाय यूजर को लेकर कोई फैसला नहीं दिया है। यानी किसी संपत्ति पर यदि वक्फ का कब्जा लंबे समय से है तो वो वक्फ का माना जाएगा, चाहे बोर्ड के पास उस संपत्ति के कागजात हो या न हो।
यानी वक्फ कानून पर सुप्रीम फैसले और अपने-अपने दावे के बीच जिन प्रावधानों पर कोर्ट ने रोक लगाई है, उनसे जुड़े मामलों पर कार्रवाई नहीं होगी और सुनवाई पूरी होने के बाद ही कोर्ट अंतिम फैसला सुनाएगा।