Pahalgam Terror Attack Emotional Story

Pahalgam Terror Attack Story: आतंकियों ने छीना बेटे के सिर से पिता का साया, परिवार के सामने ही मारी गोली, मासूम ने सुनाई आतंकी हमले की दर्दनाक कहानी

Pahalgam Terror Attack Story: आतंकियों ने छीना बेटे के सिर से पिता का साया, मासूम ने सुनाई पहलगाम आतंकी हमले की दर्दनाक कहानी

Edited By :  
Modified Date: April 24, 2025 / 03:15 PM IST
,
Published Date: April 24, 2025 3:07 pm IST
HIGHLIGHTS
  • 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में हुई थी गुजरात के शैलेश कलथिया की मौत।
  • बेटे सुनाई आपबीती।
  • इस हमले में कुल 26 लोगों की हुई थी मौत।

सूरत। Pahalgam Terror Attack Story:  जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने हर कोई दहशत में है। इस हमले को लेकर कई देशभर आक्रोश है। लोग इन आतंकियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं। हमले 26 लोगों की मौत हो गई। वहीं जो लोग इस हमले के दौरान मौके पर मौजूद थे, उनके लिए इस घटना को भूलना काफी मुश्किल है। इस हमले में गुजरात सूरत शहर के वराछा इलाके के मूल निवासी शैलेश कलथिया भी शहीद हो गए थे। परिवार के सामने ही आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी। वहीं अब उनके बेटे नक्श कलथिया ने बताया कि, कैसे ये हमला हुआ था जिस वजह से आज उस मासूम के सिर से पिता का साया उठ गया।

Read More: Muslims On Pahalgam Terror Attack: ‘बार्डर खोलो.., पूरे देश का मुसलमान लड़ने और शहादत देने के लिए तैयार..’ पहलगाम आतंकी हमले पर मुस्लिमों का फूटा गुस्सा

बेटे नक्श कलथिया ने बताया कि, “हम पहलगाम जम्मू-कश्मीर में ‘मिनी स्विटजरलैंड’ पॉइंट पर थे। हमने गोलियों की आवाज सुनी। जैसे ही हमें लगा कि,आतंकवादी इलाके में घुस आए हैं, हम छिप गए। लेकिन, उन्होंने हमें ढूंढ लिया। हमने दो आतंकवादियों को देखा। मैंने सुना कि उनमें से एक ने सभी लोगों को मुस्लिम और हिंदू में अलग होने का आदेश दिया और फिर सभी हिंदू पुरुषों को गोली मार दी।

Read More: Story Of Pahalgam Terror Attack: गोलियों की तड़तड़ाहट, लोगों की चीख अब तक कानों में गूंज रही.. चश्मीद ने बताया पहलगाम हमले का आखों देखा हाल

Pahalgam Terror Attack Story: नक्श ने बताया कि, आतंकवादियों ने पुरुषों से तीन बार ‘कलमा’ पढ़ने को कहा जो लोग इसे नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मार दी गई। जब आतंकवादी चले गए, तो स्थानीय लोग आए और कहा कि जो लोग बच गए हैं, उन्हें तुरंत नीचे उतर जाना चाहिए। हमारे पॉइंट से नीचे उतरने के एक घंटे बाद सेना आई। उसने कहा कि, आतंकवादी उसके पिता को बिल्कुल भी बोलने नहीं दे रहे थे और उन्होंने मेरी मां से भी कुछ नहीं कहा। उसने बताया कि, जब उसके पापा को गोली लगे तब उसने देखा नहीं क्यों वो अपनी मां और बहन के पीछे था। आतंकवादियों के पहचान के बारे में नक्श ने बताया कि, वे गोरे से थे और उसकी दाढ़ी थी। उसने अपने सिर पर कैमरा बाँधा हुआ था। उन्होंने महिलाओं और बच्चों को छोड़ दिया।