विदेश से लौटे थरूर ने कहा: उच्च गुणवत्ता वाली बैठकें हुईं, अच्छे नतीजे रहे

विदेश से लौटे थरूर ने कहा: उच्च गुणवत्ता वाली बैठकें हुईं, अच्छे नतीजे रहे

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  • Publish Date - June 10, 2025 / 08:10 PM IST,
    Updated On - June 10, 2025 / 08:10 PM IST

नयी दिल्ली, 10 जून (भाषा) ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद वैश्विक स्तर पर भारत का पक्ष रखने के लिए अमेरिका व चार अन्य देशों का दौरा करने वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख रहे और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि उनके प्रतिनिधिमंडल ने ‘‘बहुत उच्च गुणवत्ता वाली बैठकें’’ कीं तथा अच्छे नतीजे देखने को मिले। उन्होंने कहा कि यह भी देखा गया कि भारत के रुख से लोग भली-भांति परिचित थे।

विदेश दौरे से सोमवार शाम लौटे थरूर ने दिल्ली हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सांसदों को भेजने का उद्देश्य राजनीतिक सीमाओं से परे भारत की एकता को प्रदर्शित करना था और साथ ही सरकारी अधिकारियों, जन प्रतिनिधियों, थिंक टैंक, विमर्श तैयार करने वालों, मीडिया व विदेश में प्रवासी भारतीय नागरिकों को एक प्रभावी संदेश देना था।

उनका कहना था, ‘‘यह सब कार्य बहुत अच्छी तरह से पूरा किया गया।’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह एक बहुत अच्छी यात्रा थी। जिन पांच देशों में हम गए थे, उन्होंने जिस तरह से हमारा स्वागत किया उससे हम सभी बहुत खुश हैं। हमारा मानना है कि हर जगह हमारी यात्रा के अच्छे नतीजे रहे।’’

थरूर ने बताया, ‘‘हमारी बहुत उच्च गुणवत्ता वाली बैठकें हुईं। हम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, बहुत वरिष्ठ वार्ताकारों से मिले।’’

उन्होंने कहा कि पहलगाम हमला और उसके बाद भारत की प्रतिक्रिया क्या होनी चाहिए थी, इस बारे में भारतीय रुख को लेकर पूरी समझ और समर्थन दिखा।

थरूर के अनुसार, जिन लोगों से बात की गई, उनमें से कई ने भारत द्वारा प्रतिक्रिया में दिखाए गए संयम के प्रति विशेष रूप से सम्मान व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने वही किया जो हमें करने के लिए कहा गया था।’’

थरूर ने कहा कि अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान उन्होंने देखा कि पाकिस्तान के पास पेश करने के लिए कोई कहानी नहीं बची है।

उन्होंने कहा, ‘‘फिर वे खुद को चरमपंथियों के पीड़ित के रूप में चित्रित करने की कोशिश करते हैं। मैंने उनसे कहा, ‘…यदि आप अपने घर में सांप पालते हैं, तो यह उम्मीद न करें कि वह केवल आपके दुश्मनों को ही डंसेगा। यही संदेश मैंने सभी को दिया है।’’

भाषा हक

हक पवनेश

पवनेश