एएआईबी की रिपोर्ट अपनी प्रकृति के अनुसार ही कई सवाल उठाती है, जवाब नहीं मुहैया कराती: पायलट फेडरेशन

एएआईबी की रिपोर्ट अपनी प्रकृति के अनुसार ही कई सवाल उठाती है, जवाब नहीं मुहैया कराती: पायलट फेडरेशन

एएआईबी की रिपोर्ट अपनी प्रकृति के अनुसार ही कई सवाल उठाती है, जवाब नहीं मुहैया कराती: पायलट फेडरेशन
Modified Date: July 15, 2025 / 01:29 pm IST
Published Date: July 15, 2025 1:29 pm IST

नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा) इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन (इफाल्पा) ने कहा है कि एअर इंडिया विमान दुर्घटना पर एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट अपनी प्रकृति के अनुसार ही कई सवाल उठाती है लेकिन जवाब मुहैया नहीं कराती।

संगठन ने इस मामले में सभी पक्षों से अटकलों से बचने का आग्रह किया है।

गत 12 जून को अहमदाबाद में एअर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान की दुर्घटना पर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में, विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने शनिवार को कहा था कि उड़ान भरने के तुरंत बाद 1 सेकंड के अंतराल में इंजन के ईंधन स्विच बंद हो गए, जिससे विमान के कॉकपिट में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई और फिर विमान एक इमारत से टकरा गया। उड़ान संख्या एआई 171 अहमदाबाद से लंदन जा रही थी।

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कॉकपिट के अंदर की आवाज की रिकॉर्डिंग का हवाला देते हुए, शनिवार को जारी 15-पृष्ठ की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक पायलट ने पूछा कि स्विच क्यों बंद हुआ और दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया।

हालांकि प्रारंभिक रिपोर्ट में कोई निष्कर्ष नहीं निकाला गया है, लेकिन कुछ हलकों में अटकलें लगाई जा रही हैं कि पायलट की संभावित गलती दुर्घटना का एक कारण हो सकती है।

इफाल्पा ने 14 जुलाई को एक बयान में कहा, ‘‘हालांकि यह प्रारंभिक रिपोर्ट अपने आप में कई सवाल उठाती है, लेकिन इसमें कोई जवाब नहीं है, और इसकी सामग्री का कोई भी अनुमान केवल अनुमान ही माना जा सकता है, जो जांच के सुचारू संचालन के लिए उपयुक्त नहीं है।’’

संगठन के अनुसार, रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इस स्तर पर कोई सुरक्षा सुझाव नहीं दिए जा रहे हैं और इस बात पर जोर दिया गया है कि फेडरेशन भारत के एएआईबी के प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है क्योंकि वे दुर्घटना के लिए जिम्मेदार कारकों का पता लगाने के लिए काम कर रहे हैं।

इफाल्पा का दावा है कि 100 देशों के 1 लाख पायलट इसके सदस्य हैं।

शनिवार को, इफाल्पा के सदस्य संगठन ‘एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (एएलपीए) ने कहा कि जांच की दिशा पायलट की गलती की ओर झुकाव का संकेत देती है। संगठन ने इस धारणा को खारिज करते हुए निष्पक्ष, तथ्य-आधारित जांच पर जोर दिया।

इफाल्पा ने 14 जुलाई को जारी बयान में यह भी रेखांकित किया कि प्रारंभिक रिपोर्ट केवल संचार का एक माध्यम है जिसका उपयोग जांच के प्रारंभिक चरणों के दौरान प्राप्त आंकड़ों के त्वरित प्रसार के लिए किया जाता है और इसमें केवल तथ्यात्मक जानकारी और जांच की प्रगति का संकेत होता है।

सभी पक्षों से अटकलों से बचने और जांच को पूरी तरह से और उचित तरीके से चलने देने का आग्रह करते हुए, इफाल्पा ने कहा कि सभी को प्रारंभिक जानकारी के आधार पर निष्कर्ष निकालने से बचना चाहिए।

एअर इंडिया के दो पायलट संगठनों- ‘इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन’ (आईसीपीए) और ‘इंडियन पायलट्स गिल्ड’ (आईपीजी) ने भी प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर अटकलें नहीं लगाने की चेतावनी दी है।

भाषा वैभव नरेश

नरेश


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