जयपुर, तीन सितंबर (भाषा) राजस्थान के उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने बुधवार को कहा कि विद्यार्थियों को बेहतर कोचिंग सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार का उद्देश्य है।
बैरवा राजस्थान कोचिंग सेन्टर (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक 2025 पर विधानसभा को हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे।
मंत्री के जवाब के बाद इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
चर्चा का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री बैरवा ने कहा कि यह केवल कानून नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों को सही दिशा प्रदान करने वाला महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने कहा यह विधेयक लाखों अभ्यर्थियों व उनके अभिभावकों से सीधा जुड़ा है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पहले संशोधन में कोचिंग संस्थानों के पंजीकरण के लिए न्यूनतम विद्यार्थियों की संख्या 50 से बढ़ाकर 100 की गई है ताकि छोटे व असंगठित कोचिंग सेंटर अपनी सुविधाएं विद्यार्थियों को उपलब्ध करा सकेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दूसरे संशोधन में कोचिंग संस्थाओं द्वारा अनियमितता करने पर जुर्माने को दो लाख रुपये से घटाकर 50 हजार रुपये तथा दूसरी बार में पांच लाख रुपये से घटाकर दो लाख रुपये किया गया है। इसके बाद भी उल्लंघन जारी रहने पर पंजीकरण रद्द करने का प्रावधान किया गया है।’’
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य सरकार संतुलन और न्याय में विश्वास रखती है जिसका प्रमाण यह विधेयक है।’’
उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थानों का राज्य की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान है और इनसे लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है।
बैरवा ने स्पष्ट किया कि यह विधेयक कोचिंग संस्थान विरुद्ध नहीं है बल्कि सभी कोचिंग संस्थानों द्वारा समान मापदंडों का पालन करवाने के लिए है और नियमों की पालना करने वाले कोचिंग संस्थानों को प्रोत्साहन मिलेगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों में आत्महत्या को रोकने के लिए और मानसिक तनाव को दूर करने के लिए विधेयक में प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह विधेयक राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के भावना के अनुरूप है जिसके जरिए विद्यार्थियों के कौशल विकास पर जोर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘विधेयक के जरिए शिक्षा क्षेत्र में दूरगामी और महत्वपूर्ण सुधार सुनिश्चित किए गए हैं। अब कोई भी कोचिंग संस्थान बिना राजकीय पंजीकरण के संचालित नहीं हो सकेगा। पंजीकरण के लिए उचित मापदंड का ध्यान रखा जाएगा।’’
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोचिंग संस्थान रैंकिंग नहीं बल्कि संस्कार के केन्द्र बनें, जहां विद्यार्थी सामाजिक मूल्यों को सीख सकें।
उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर कोचिंग संस्थानों को नियंत्रित करने के लिए कोचिंग प्राधिकरण की स्थापना की गई है। राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन प्राधिकरण भी बनाया जाएगा।
भाषा पृथ्वी खारी
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