Asaduddin Owaisi on Jama Masjid : ‘आने वाली नस्लों को “AI” की पढ़ाई के बजाए “ASI” की खुदाई में व्यस्त किया जा रहा है’, असदुद्दीन ओवैसी का बदायूं जामा मस्जिद मामले में बड़ा बयान
Asaduddin Owaisi on Jama Masjid: असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, बदायूं उत्तर प्रदेश की जामा मस्जिद को भी निशाना बनाया गया है।

Asaduddin Owaisi on New Delhi Railway Station Stampede | Source : File Photo
नई दिल्ली : Asaduddin Owaisi on Jama Masjid: उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ समय से मस्जिदों और दरगाहों को लेकर विवाद जारी है। संभल में शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर और अजमेर दरगाह में शिव मंदिर का दावा कुछ दिनों से सुर्ख़ियों में है। वहीं अब बदायूं की जामा मस्जिद में नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा किया गया है। इस मामले में कोर्ट ने शनिवार को सुनवाई की और अगली सुनवाई के लिए 3 दिसंबर 2024 की तारीख दी गई है। सिविल लजज (सीनियर डिवीजन) अमित कुमार की अदालत ने इस मामले में मस्जिद इंतजामिया कमेटी के वकील की दलीलें सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई की तारीख तय की।
हिंदुत्ववादी तंज़ीमें किसी भी हद्द तक जा सकते हैं : ओवैसी
Asaduddin Owaisi on Jama Masjid: वहीं अब इस मामले में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान सामने आया है। असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि, बदायूं उत्तर प्रदेश की जामा मस्जिद को भी निशाना बनाया गया है। अदालत में 2022 में केस किया गया था और उसकी अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी। ASI (जो भारत सरकार के तहत काम करती है) और उ.प्र सरकार भी केस में पार्टी हैं । दोनों सरकारों को 1991 एक्ट के अनुसार अपनी बात रखनी होगी। अवसर पसंद हिंदुत्ववादी तंज़ीमें किसी भी हद्द तक जा सकते हैं, उन पर रोक लगाना भारत के अमन और इत्तिहाद के लिए बहुत ज़रूरी है। आने वाली नस्लों को “AI” की पढ़ाई के बजाए “ASI” की खुदाई में व्यस्त कर दिया जा रहा है।
बदायूं उत्तर प्रदेश की जामा मस्जिद को भी निशाना बनाया गया है । अदालत में 2022 में केस किया गया था और उसकी अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी। ASI (जो भारत सरकार के तहत काम करती है) और उ.प्र सरकार भी केस में पार्टी हैं । दोनों सरकारों को 1991 एक्ट के अनुसार अपनी बात रखनी होगी।शर पसंद…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 30, 2024
2022 में दर्ज की गई थी याचिका
Asaduddin Owaisi on Jama Masjid: बता दें कि, बदायूं के जामा मस्जिद बनाम नीलकंठ महादेव मंदिर मामले में अब अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी। मामला सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा है। शनिवार को जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी की ओर से कोर्ट में अपना पक्ष रखने के बाद बहस की गई। बहस पूरी न होने पर 3 दिसंबर की तारीख दी गई है। हिंदू महासभा की ओर 2022 में में जामा मस्जिद में नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा करते हुए वाद दायर किया था।
न्यायालय में जामा मस्जिद इस्लामिया समिति की ओर से अपना पक्ष रखने वाले एडवोकेट अनवर आलम ने बताया कि, आज हमने कोर्ट में बहस की है। हमने पक्ष रखा है कि जामा मस्जिद में मंदिर का कोई अस्तित्व ही नहीं है, क्योंकि पहले तो हिन्दू महासभा को वाद दायर करने का कोई अधिकार नहीं है। वहीं उनका दावा है कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई है। मस्जिद साढ़े आठ सौ साल पुरानी है, जाहिर है कि वहां मंदिर का कोई अस्तित्व ही नहीं है।