न्यायालय ने उसके आदेश को गलत तरीके से पेश करने पर रजिस्ट्रार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का आदेश दिया

न्यायालय ने उसके आदेश को गलत तरीके से पेश करने पर रजिस्ट्रार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का आदेश दिया

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  • Publish Date - September 28, 2023 / 08:47 PM IST,
    Updated On - September 28, 2023 / 08:47 PM IST

नयी दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने एक आंतरिक जांच रिपोर्ट पर गौर करने के बाद अदालत के रजिस्ट्रार को पुलिस में शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि उसका एक आदेश, जो एक लंबित याचिका के साथ संलग्न था, मनगढ़ंत था।

न्यायमूर्ति ए. एस. ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने रजिस्ट्रार (न्यायिक सूची) की रिपोर्ट का अवलोकन किया और कहा कि यह ‘‘स्पष्ट’’ है कि इस अदालत के आदेश की प्रति बताया जाने वाला दस्तावेज ‘‘मनगढ़ंत’’ था।

पीठ ने मंगलवार को कहा, ‘‘इसलिए, रजिस्ट्रार (न्यायिक सूची) को क्षेत्राधिकार वाले पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करके आपराधिक कानून को लागू करना चाहिए।’’

इसने संबंधित पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी को दो महीने के भीतर जांच के बारे में अदालत को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।

अदालत ने पहले संबंधित अधिवक्ताओं को नोटिस जारी किया था। अदालत ने कहा, ‘‘वकील प्रीति मिश्रा की भूमिका की जांच करने के लिए उन्हें नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने आज इस अदालत के सामने पेश नहीं होने का फैसला किया है।’’

इसने कहा कि वकील द्वारा कथित तौर पर निभाई गई भूमिका की जांच करना पुलिस का काम है। उसने कहा कि शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार को अनुलग्नकों के साथ अपने आदेश की एक प्रति भी पुलिस को सौंपनी होगी।

पीठ ने पुलिस रिपोर्ट पर विचार के लिए मामले की सुनवाई की अगली तारीख एक दिसंबर तय की है।

इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने इस बात पर गौर करने के बाद आंतरिक जांच का आदेश दिया था कि एक मामले में एक ही पीठ द्वारा पारित दो अलग-अलग आदेशों के साथ एक याचिका दायर की गई थी।

इसने संबंधित वकीलों मिश्रा तथा आफताब अली खान और शिकायतकर्ता लोकेश मदनमोहन अग्रवाल को नोटिस जारी किया था।

भाषा

देवेंद्र वैभव

वैभव