मध्य प्रदेश तख्तापलट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, कोर्ट ने कहा फ्लोर टेस्ट पर राज्यपाल का सही था फैसला

मध्य प्रदेश तख्तापलट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, कोर्ट ने कहा फ्लोर टेस्ट पर राज्यपाल का सही था फैसला

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  • Publish Date - April 13, 2020 / 06:11 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:59 PM IST

नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई के दौरान आज मध्यप्रदेश में सरकार गठन के मसले पर अहम फैसला आया है, आज सुप्रीम कोर्ट में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से दायर याचिका पर फैसला सुनाया गया, सर्वोच्च अदालत का कहना है कि मार्च में हुए मामले में राज्यपाल के द्वारा फ्लोर टेस्ट का आदेश देना सही था।

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वही कोर्ट ने अभिषेक मनु सिंघवी की ओर से दिए गए उस तर्क को नकार दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्यपाल ऐसा आदेश नहीं दे सकते हैं, यानी सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की याचिका को नकार दिया है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि राज्यपाल ने तब खुद कोई निर्णय नहीं लिया, बल्कि सिर्फ फ्लोर टेस्ट कराने को कहा, एक चलती हुई विधानसभा में दो तरह के ही रास्ते बचते हैं, जिसमें फ्लोर टेस्ट और नो कॉन्फिडेंस मोशन ही है।

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गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के गवर्नर लालजी टंडन ने सियासी उठापटक के बीच विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था, लेकिन, जब सदन की शुरुआत हुई तो विधानसभा स्पीकर ने सदन को कोरोना वायरस के चलते कुछ दिनों के लिए टाल दिया था। जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।

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मार्च में जब मध्य प्रदेश की सियासत में भूचाल आया हुआ था और पूर्व की कमलनाथ सरकार पर संकट मंडरा रहा था, तब भारतीय जनता पार्टी के नेता शिवराज सिंह चौहान की ओर से विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया गया था, फिर तुरंत फ्लोर टेस्ट करवाने को लेकर सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की गई। सुप्रीम कोर्ट ने तब फ्लोर टेस्ट तुरंत करवा दिया था, जिसके बाद कमलनाथ सरकार को इस्तीफा देना पड़ा था।