‘ईआईए मसौदे को 22 भाषाओं में अनुवाद संबंधी अदालत के विचार पर गंभीरतापूर्वक विचार किया गया’

'ईआईए मसौदे को 22 भाषाओं में अनुवाद संबंधी अदालत के विचार पर गंभीरतापूर्वक विचार किया गया'

  •  
  • Publish Date - March 26, 2021 / 11:32 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:25 PM IST

नयी दिल्ली, 26 मार्च (भाषा) केन्द्र ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) के मसौदे को संविधान की आठवीं अनुसूची में वर्णित सभी 22 भाषाओं में अनुवाद कराने के उसके विचार पर ‘‘गंभीरतापूर्वक विचार’’ किया गया है और किसी फैसले पर पहुंचने के लिए और समय की जरूरत होगी।

अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल चेतन शर्मा ने मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ के समक्ष यह जानकारी प्रस्तुत की, जिसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 30 अप्रैल तय की।

उच्च न्यायालय ने 25 फरवरी को कहा था कि ईआईए के मसौदे को सभी 22 भाषाओं में अनुवाद कराने के उसके विचार को केंद्र सरकार द्वारा ‘‘आक्रमक’’ रूप से नहीं लिया जाना चाहिए।

अदालत ने कहा था कि सुदूर क्षेत्रों के लोग ‘‘हमारे नागरिक’’ हैं जिनकी बात सुनी जानी चाहिए और अगर मसौदे को केवल अंग्रेजी एवं हिंदी में प्रकाशित किया जाता है तो वे इसे नहीं समझ पाएंगे।

पीठ ने कहा कि सरकार के लिए ईआईए के मसौदे को सभी भाषाओं में प्रकाशित कराना आसान होगा।

अदालत ने अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल चेतन शर्मा से कहा था कि सुनवाई की अगली तारीख 26 मार्च पर निर्देशों के साथ आएं कि मसौदा ईआईए बेहतर विचार-विमर्श प्रक्रिया के लिए क्या सभी 22 भाषाओं में अनूदित किया जा सकता है।

गत 25 फरवरी को सुनवाई के दौरान एएसजी शर्मा ने पीठ से कहा था कि सभी 22 भाषाओं में अनुवाद करने में कई प्रशासनिक दिक्कतें होंगी और अनुवाद में मसौदा ईआईए की सभी वास्तविक विषय-वस्तु ठीक से नहीं आ पाएंगी।

साथ ही उन्होंने पीठ को आश्वस्त किया था कि सरकार अदालत के विचार पर आक्रामक नहीं हो रही है।

भाषा

देवेंद्र पवनेश

पवनेश