नेटवर्क के लिए चढ़ना पड़ता है पेड़ पर, गांव वालों की दिनचर्या में हो गया शुमार, नक्सलियों के डर से नहीं लगा मोबाइल टावर

नेटवर्क के लिए चढ़ना पड़ता है पेड़ पर, गांव वालों की दिनचर्या में हो गया शुमार, नक्सलियों के डर से नहीं लगा मोबाइल टावर

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  • Publish Date - June 18, 2021 / 07:42 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:04 PM IST

झारखंड। लोहरदगा के पेशरार प्रखंड के ऊपर तुरियाडीह गांव में ग्रामीणों के पास मोबाइल तो है, पर नेटवर्क नहीं। मजबूरी में लोगों को पहाड़ की चोटी पर लगे पेड़ों पर चढ़कर फोन करना पड़ता है।

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यही जगह एकमात्र ऐसी है, जहां बीएसएनएल का सिग्नल मिलता है। फ्रीक्वेंसी भी सिर्फ बात करने भर मिलती है। इंटरनेट तो चला ही नहीं सकते।

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10 किमी दूर पुंदाग में है मोबाइल टावर ऊपर तुरियाडीह गांव से 10 किमी दूर पुंदाग गांव में बीएसएनएल और जियो का मोबाइल टावर लगा है, लेकिन इसका उपयोग पुंदाग गांव व आसपास के लोग ही कर पाते हैं।

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इसके अलावा पेशरार प्रखंड के जवाल, चुरूवे, बालाडीह, केनार, मुंगो, दुंदरू, हेसाग, चपाल, सनई, जुड़नी, आम तोतरो, बीड़नी, गम्हरिया, बतरू, इस्कीम डांड़ू गांव के लोग अभी भी मोबाइल नेटवर्क से पूरी तरह कटे हुए हैं।

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नक्सलियों के खौफ से यहां मोबाइल टावर लग ही नहीं सका है। कंपनियां डर से आज तक इस क्षेत्र में टावर लगाने आई ही नहीं।