एक जनवरी से बढ़ जाएंगी इन चीजों की कीमत, इस तरह पड़ेगा आपकी जेब पर बोझ..जानिए |The price of these things will increase from January 1, this way it will be a burden on your pocket..

एक जनवरी से बढ़ जाएंगी इन चीजों की कीमत, इस तरह पड़ेगा आपकी जेब पर बोझ..जानिए

जनवरी 2022 से ही आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ने वाला है, आम आदमी को अगले महीने 1 जनवरी 2022 से कई चीजों पर बढ़ने वाले टैक्स का सामना करना पड़ेगा।

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:23 PM IST, Published Date : December 23, 2021/5:37 pm IST

नई दिल्ली। जनवरी 2022 से ही आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ने वाला है, आम आदमी को अगले महीने 1 जनवरी 2022 से कई चीजों पर बढ़ने वाले टैक्स का सामना करना पड़ेगा। आपको बता दें कि नया साल आपके लिए खुशियां तो ला रहा है लेकिन महंगाई आपको थोड़ा परेशान कर सकती है। कपड़े व जूते चप्पल खरीदने से लेकर ऑनलाइन खाना मंगवाना काफी महंगा पड़ने वाला है।

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दरअसल, 1 जनवरी से रेडीमेड गारमेंट्स पर GST की दर 5% से बढ़कर 12% हो जाएगी। इससे रेडीमेड गारमेंट्स की कीमतें बढ़ेंगी, कपड़ा व्यापारियों का कहना है कि GST में इजाफा होने से रिटेल कारोबार बुरी तरह से प्रभावित होगा। रेडीमेड के व्यापार से जुड़े व्यापारी जीएसटी में इजाफा किए जाने का विरोध कर रहे हैं। हालांकि, सरकार अपने फैसले से पीछे हटने के मूड में नहीं है। ऐसे में नए साल से रेडीमेट गारमेंट्स खरीदने के लिए ग्राहकों को अधिक पैसे चुकाने पड़ जाएंगे। इस टैक्‍स स्‍लैब में नया बदलाव 1 जनवरी, 2022 से लागू हो जाएगा।

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आम लोग भी GST दर बढ़ने से खुश नहीं हैं, लोगों का कहना है कि GST बढ़ने से कपड़ों के रेट काफी बढ़ जाएंगे, जिसे आम आदमी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। कोरोना काल में पहले से ही व्यापारी परेशान रहे हैं। बाजार में बिल्कुल काम नहीं रहा है, GST बढ़ने के बाद व्यापारी और ज्यादा परेशान होगा।

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गौरतलब है कि अब तक 1,000 रुपये तक कीमत वाले जूते-चप्पल 5% जीएसटी दायरे में आते हैं लेकिन इसमें लगने वाली तली, चिपकाने वाली सामग्री, कलर आदि पर 18% टैक्स लगता है, जिस कारण व्युत्क्रम टैक्स ढांचा (Inverse Tax Structure) लागू होता है। इसके अलावा चमड़े पर 12% टैक्स लगता है। इससे इनपुट टैक्स क्रेडिट लेना होता है और सरकार को रिफंड जारी करना पड़ता है। जूते-चप्पल के मामले में सरकार को सालाना करीब 2,000 करोड़ रुपये रिफंड देना पड़ता है। दरअसल जूते-चप्पलों, कपड़ों और फर्टिलाइजर पर शुल्क ढांचे में बदलाव पिछले साल जून में ही किया जाना था लेकिन कोरोना महामारी की वजह से टाल दिया गया।

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कपड़ों और जूतों के अलावा अगर आप भी ऑनलाइन खाना मंगाने के शौकीन हैं तो आपकी जेब पर भारी असर पड़ने वाला है। क्योंकि 1 जनवरी से ऑनलाइन फूड डिलीवरी ऐप जोमैटो (Zomato App) और स्विगी (Swiggy App) से खाना ऑर्डर करने पर कंपनियों को टैक्स का भी भुगतान करना होगा।

नए साल से फूड डिलीवरी ऐप्स पर भी 5% GST लगेगा, हालांकि, यूजर्स पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है क्योंकि यह पहले ही क्लियर किया जा चुका है कि सरकार यह टैक्स ग्राहकों से नहीं, बल्कि ऐप कंपनियों से वसूलेगी, लेकिन यह तो हमेशा से ही होता रहा है कि अगर सरकार की ओर से किसी कंपनी पर कोई बोझ पड़ता है तो ऐप कंपनियां किसी ने किसी तरीके से उसे ग्राहकों से ही वसूलती हैं। ऐसे में नया साल ऑनलाइन फूड ऑर्जर करने वालों के लिए भारी पड़ने वाला है।