Jagannath Rath Yatra 2025 : भगवान जगन्नाथ के लिए भव्य रथ बनाने की प्रक्रिया शुरू, जानिए किस दिन मनाई जाएगी रथ यात्रा

Jagannath Rath Yatra 2025 : भगवान जगन्नाथ के लिए भव्य रथ बनाने की प्रक्रिया शुरू, जानिए किस दिन मनाई जाएगी रथ यात्रा

Jagannath Rath Yatra 2025 : भगवान जगन्नाथ के लिए भव्य रथ बनाने की प्रक्रिया शुरू, जानिए किस दिन मनाई जाएगी रथ यात्रा

Jagannath Rath Yatra 2025/ Image Credit: IBC24 File

Modified Date: May 1, 2025 / 08:15 pm IST
Published Date: May 1, 2025 8:12 pm IST
HIGHLIGHTS
  • भगवान की 42 दिवसीय ‘चंदन यात्रा’ की भी शुरुआत हुई।
  • रथों का निर्माण अक्षय तृतीया से 58 दिनों तक रथ खला में किया जाएगा।
  • इस बार रथ यात्रा 27 जून को मनाई जाएगी।

पुरी। Jagannath Rath Yatra 2025 :  ओडिशा के पुरी में वार्षिक रथ यात्रा के लिए रथ बनाने की प्रक्रिया बुधवार को यहां 12वीं शताब्दी के श्री जगन्नाथ मंदिर में ‘अक्षय तृतीया’ अनुष्ठान के साथ शुरू हो गयी।बुधवार को ही मंदिर में परंपरा के अनुसार भगवान की 42 दिवसीय ‘चंदन यात्रा’ की भी शुरुआत हुई। सेवादारों ने श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाढ़ी, पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वैन, पुलिस अधीक्षक विनीत अग्रवाल और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में मंदिर के बाहर ‘ग्रैंड रोड’ पर ‘रथ खला’ (रथ बनाये जाने वाली जगह) में विशेष पूजा की।

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पाढ़ी ने बताया कि, भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के तीन रथों का निर्माण अक्षय तृतीया से 58 दिनों तक रथ खला में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रथ निर्माण से जुड़े ‘विश्वकर्मा’ (बढ़ई), ‘चित्रकार’ (पेंटर) और अन्य लोगों के लिए शेड और पेयजल जैसी सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। इस बार वार्षिक रथ यात्रा 27 जून को है।रथ निर्माण के लिए विशेष पूजा तब शुरू हुई जब सेवादार भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के पास से ‘अज्ञान माला’ (दिव्य अनुमति माला) लेकर आए। तीनों रथों के लिए लकड़ियों के तीन लट्ठे रथ खला में रखे गए, जहाँ सेवादार पूजा करेंगे और उसके बाद ‘बनजागा’ अनुष्ठान के अनुसार लकड़ियों को काटना शुरू किया जाएगा।

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मंदिर के पुजारियों और ‘शास्त्रीय’ ब्राह्मण ने विशेष रूप से निर्मित यज्ञशाला में यज्ञ किया।विशेष अनुष्ठानों के अनुसार, मंदिर के पुजारी ने सबसे पहले लकड़ी के तीन लट्ठों को तीन छोटी स्वर्ण कुल्हाड़ियों से छुआ, उन्हें मां दखिनकाली के मंत्र से पवित्र किया गया और उसके बाद विश्वकर्माओं ने काम शुरू किया। इस दिन चंदन यात्रा की भी शुरुआत हुई, जब प्रतीकात्मक मूर्तियों को नरेंद्र तालाब में ले जाया गया। नरेंद्र तालाब में देवताओं ने गर्मी से बचने के लिए जल क्रीड़ा का आनंद लिया।

Jagannath Rath Yatra 2025 :  मंदिर की परंपरा के अनुसार, 42 दिवसीय चंदन यात्रा दो चरणों में आयोजित की जाती है।श्री जगन्नाथ संस्कृति के शोधकर्ता भास्कर मिश्रा ने बताया कि पहली 21 दिवसीय बाहरी (बहरा) चंदन यात्रा नरेंद्र तालाब में होगी, जबकि आंतरिक यात्रा मंदिर परिसर में आयोजित की जाएगी।

 


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