गोवा : ‘All India Hindu Rashtra Convention’ : फोंडा, गोवा में 12 से 18 जून के बीच दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ का सफल आयोजन किया गया। इस आयोजन में छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव भी शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘हिन्दुओं की संख्या घटती है, तब देश के टुकडे होते हैं’, इतिहास इसका साक्षी है। छत्तीसगढ में भी बडी मात्रा में धर्मांतरण हो रहा है। सेवा के नाम पर ‘सौदा’ चल रहा है।
‘All India Hindu Rashtra Convention’ : आदिवासियों को ठगकर उनका धर्मांतरण किया जाता है। ‘धर्मांतरण करना राष्ट्रांतरण करने के समान है।’ इसलिए यह विषय अत्यंत गंभीर है। धर्मांतरण रोकने के लिए सबको एकत्रित आकर कार्य करना आवश्यक है। धर्मांतरण नहीं हुआ होता, तो पाकिस्तान और बांग्लादेश अलग नहीं हुए होते। छत्तीसगढ में हिन्दुओं का धर्मांतरण हुआ है, वहां नक्सली कार्यवाहियां बढी हैं। जिस स्थान पर धर्मांतरण होता है, वहां भारतमाता के प्रति आत्मीयता नष्ट हो जाती है। धर्मांतरण रोकने के लिए घरवापसी का महाअभियान कार्यान्वित करना आवश्यक है।
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‘All India Hindu Rashtra Convention’ : ईसाई मिशनरियां समाज के अंतिम घटक तक पहुंचती हैं। इसीलिए वे धर्मांतरण कर सकती हैं। हिन्दुओं को समाज के अंतिम घटक तक हिन्दू संस्कृति और भारत का तेजस्वी इतिहास पहुंचाना चाहिए। छत्तीसगढ में हमने प्रत्येक गांव में ‘धर्मरक्षा समिति’ स्थापित की है। यह समिति गोहत्या और धर्मांतरण रोकने के लिए कार्य करती है। गीता, गोमाता और गंगा के इस पवित्र देश में किसी आयातित की आवश्यकता नहीं है। ‘हिन्दू बनाना, हिन्दू बचाना मन्दिर बनाने से पवित्र कार्य है, क्यों की हिन्दू ही मन्दिर बनाएंगा’।
भारत को जानने के लिए स्वामी विवेकानंदजी के विचारों का अध्ययन करना चाहिए। कुछ राज्यों में और नक्सलग्रस्त क्षेत्र में 15 हजार से अधिक धर्मांतरित हिन्दुओं की हमने घरवापसी की है। हमारे कार्यकर्ताओं पर आक्रमण होते हैं, उन्हें धमकियां मिलती हैं, तब भी हम यह कार्य कर रहे हैं। ‘हिन्दू बनाना और हिन्दुओं को बचाना’ पवित्र कार्य है। ‘हिन्दू’ राष्ट्रीयत्व के प्रतीक हैं। जब तक अंतिम धर्मांतरित हिन्दू की घरवापसी नहीं होती, तब तक हम संघर्ष करते रहेंगे।
‘All India Hindu Rashtra Convention’ : 12 से 18 जून की अवधि में फोंडा, गोवा में सफलता पूर्वक संपन्न दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ में भारत के 26 राज्यों सहित अमेरिका, हांगकांग, नेपाल, फिजी और इंग्लैंड के 177 से अधिक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के 400 से अधिक प्रतिनिधि तथा व्यक्ति उपस्थित थे। इस अधिवेशन में प्रमुखता से ‘भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित किया जाए।’ ‘देशस्तर पर धर्मांतरण प्रतिबंधक और गोहत्या प्रतिबंधक कानून लागू किया जाए’, ‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 निरस्त कर काशी, मथुरा सहित हजारों मंदिर और उनकी भूमि हिन्दुओं के नियंत्रण में दी जाए’, ‘धर्माधारित हलाल सर्टिफिकेशन प्रतिबंधित किया जाए’, ‘कश्मीरी हिन्दुओं के लिए ‘पनून कश्मीर’ नाम से केंद्रशासित प्रदेश बनाया जाए’ आदि अनेक प्रस्ताव पारित किए गए। ये प्रस्ताव मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजे जानेवाले हैं ।
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2 hours ago