महिला को भारी पड़ गया रेप का झूठा आरोप लगाना, हाईकोर्ट ने सुनाई ऐसी सजा, कायम होगी मिसाल
हाईकोर्ट ने इस मुकदमे को रद्द करते हुए कहा कि पीड़ित महिला का आचरण बेहद अनुचित है, महिला ने खुद माना है कि वह मानसिक अवसाद से गुजर रही थी, जिसके परिणाम स्वरूप गुमराह और गलत सलाह के आधार पर आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करा दिया।
false allegation of rape:
false allegation of rape: नई दिल्ली। नेशनल राजधानी दिल्ली में एक महिला को रेप का झूठा आरोप लगाना भारी पड़ गया, दिल्ली हाईकोर्ट ने इस महिला के आचरण को गलत बताते हुए उसका मामला खारिज कर दिया, इसके साथ ही 50 पेड़ लगाकर पांच साल तक उसकी देखरेख करने तथा नेत्रहीन बच्चों के स्कूल में दो महीने तक सेवा करने का निर्देश दिया।
मिली जानकारी के मुताबिक, इस महिला ने पैसे को लेकर हुए झगड़े के बाद एक व्यक्ति पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था, जो कि बाद में गलत निकला। हाईकोर्ट ने इस मामले में शिकायतकर्ता और आरोपी व्यक्ति के बीच हुए समझौते के आधार पर रेप का मुकदमा रद्द कर दिया, हालांकि कोर्ट ने इसके साथ ही महिला के आचरण को गलत बताते हुए कहा कि इस तरह की प्रवृति पर रोक लगाने की आवश्यकता है।
false allegation of rape: कोर्ट ने इस मुकदमे को खारिज करते हुए कहा कि पीड़ित महिला का आचरण बेहद अनुचित है, महिला ने खुद माना है कि वह मानसिक अवसाद से गुजर रही थी, जिसके परिणाम स्वरूप गुमराह और गलत सलाह के आधार पर आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करा दिया।
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दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस जसमीत सिंह ने इस महिला को अनुचित आचरण और कानून का दुरुपयोग करने के जुर्म में दो महीने तक नेत्रहीन बच्चों के स्कूल में हफ्ते के 5 दिन 3-3 घंटे सेवा करने का आदेश दिया। इसके साथ ही उसे 50 पेड़ लगाने और पांच साल तक उनकी देखरेख करने का भी आदेश दिया है।

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