पंजाब में 10 दिनों में पराली जलाने की घटनाओं में तीन गुना वृद्धि

पंजाब में 10 दिनों में पराली जलाने की घटनाओं में तीन गुना वृद्धि

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  • Publish Date - October 21, 2025 / 08:59 PM IST,
    Updated On - October 21, 2025 / 08:59 PM IST

चंडीगढ़, 21 अक्टूबर (भाषा) पंजाब में इस मौसम में पराली जलाने की घटनाओं की संख्या बढ़कर 353 तक पहुंच गई है, जिनमें से अधिकतर मामले तरनतारन और अमृतसर जिलों से हैं। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) की ओर से जारी आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है।

पीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 10 दिनों में राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में तीन गुना से ज़्यादा की बढ़ोतरी हुई है। ग्यारह अक्टूबर तक ऐसे 116 मामले सामने आए।

तरनतारन जिले में अब तक पराली जलाने के सबसे अधिक 125 मामले सामने आए हैं, इसके बाद अमृतसर में 112 मामले सामने आए हैं, क्योंकि कई किसान राज्य सरकार की अपील को नजरअंदाज करते हुए फसल अवशेष जलाना जारी रखे हुए हैं।

पीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में 15 सितंबर से 20 अक्टूबर के बीच पराली जलाने की 353 घटनाएं हुईं। अन्य जिलों में, फिरोजपुर में 27, पटियाला में 23 और संगरूर में पराली जलाने के आठ मामले सामने आए हैं।

अन्य जिलों के अलावा फिरोजपुर में पराली जलाने के 27 मामले, पटियाला में 23 और संगरूर में आठ मामले सामने आए हैं। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को अक्सर दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है।

चूंकि, अक्टूबर और नवंबर में धान की कटाई के बाद रबी की फसल, गेहूं की बुवाई का समय बहुत कम होता है, इसलिए कई किसान अगली फसल की बुवाई के लिए अवशेषों को साफ करने के लिए अपने खेतों में आग लगा देते हैं।

पीपीसीबी ने बताया कि अब तक 162 मामलों में पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में आठ लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है। कुल जुर्माने में से 5.65 लाख रुपये से अधिक की वसूली हो चुकी है।

इसके अतिरिक्त, पराली जलाने की घटनाओं पर 149 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, जिनमें तरनतारन में 61 और अमृतसर में 39 प्राथमिकी शामिल हैं।

भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेशों की अवज्ञा) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।

भाषा रविकांत दिलीप

दिलीप