नयी दिल्ली/कोलकाता आठ दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तृणमूल कांग्रेस के बीच सोमवार को उस वक्त तीखा वाकयुद्ध देखने को मिला जब ममता बनर्जी की पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बंकिम चंद्र चटर्जी को ‘‘बंकिम दा’’ कहकर उनका अपमान करने का आरोप लगाया।
भाजपा ने पलटवार करते हुए टीएमसी पर एक दशक से राज्य की सांस्कृतिक विरासत को बदनाम करने का आरोप लगाया।
राष्ट्र गीत के 150 वर्ष पूरे होने पर लोकसभा में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी का वंदे मातरम् रचयिता का उल्लेख करते हुए ‘बंकिम दा’ कहा।
इस पर टीएमसी के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने आपत्ति जताई और प्रधानमंत्री से ‘बंकिम बाबू’ कहने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं बंकिम बाबू कहूंगा। धन्यवाद, मैं आपकी भावनाओं का सम्मान करता हूं।’’
उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में पूछा कि क्या वह अब भी रॉय को ‘दादा’ कहकर संबोधित कर सकते हैं।
इसके तुरंत बाद, टीएमसी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘वर्षों से बंगाल ने भाजपा को दो भाषाओं में बात करते हुए, बंगाल का सम्मान करने का नाटक करते हुए और हमारे महान लोगों की विरासत पर अपमान करते हुए’ देखा है।
पार्टी ने कहा, ‘‘वही लोग जिन्होंने कोलकाता के मध्य में विद्यासागर की मूर्ति को ध्वस्त कर दिया था, अब संसद में खड़े होने और ऋषि बंकिमचंद्र चटर्जी को ‘बंकिम दा’ कहकर अपमानित करने का साहस कर रहे हैं। यह अज्ञानता नहीं है, यह बंगाल को कमजोर करने, हमारी बौद्धिक विरासत का मजाक उड़ाने का प्रयास है।’’
पार्टी ने कहा, ‘बंगाल जवाब देगा।’
भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि टीएमसी ने पश्चिम बंगाल की सांस्कृतिक विरासत का अपमान किया है।
भाषा हक हक देवेंद्र
देवेंद्र