बंगाल की तृणमूल सरकार सिंगूर में आलू किसानों की ‘आर्थिक हत्या’ कर रही : शुभेंदु अधिकारी

बंगाल की तृणमूल सरकार सिंगूर में आलू किसानों की ‘आर्थिक हत्या’ कर रही : शुभेंदु अधिकारी

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  • Publish Date - August 13, 2025 / 05:24 PM IST,
    Updated On - August 13, 2025 / 05:24 PM IST

कोलकाता, 13 अगस्त (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भारतीय जनता पार्टी के विधायक शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को राज्य सरकार पर सिंगूर और आसपास के जिलों में आलू किसानों की ‘आर्थिक हत्या’ करने का आरोप लगाया।

उन्होंने इसी के साथ भारतीय जनता किसान मोर्चा द्वारा आयोजित धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी सरकार को सत्ता से बेदखल करने का आह्वान किया।

अधिकारी ने सिंगूर के रतनपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 85 प्रतिशत से अधिक निवासी कृषि पर निर्भर हैं और आलू उनकी मुख्य नकदी फसल है।

भाजपा नेता ने दावा किया कि राज्य सरकार फरवरी तक 15 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से 2.2 करोड़ बोरी आलू खरीदने के अपने वादे को पूरा करने में विफल रही है। उन्होंने सरकार से तुरंत अपने वादे को पूरा करने की मांग की।

अधिकारी ने आरोप लगाया, ‘‘ आलू खरीद बंद होने से पहले केवल कुछ हजार बोरी आलू की ही खरीद की गई। उन्होंने दावा किया कि रतनपुर में आलू अब 12 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहा है, जिसके परिणामस्वरूप कोल्ड स्टोरेज, परिवहन और सुखाने की लागत को हटाने के बाद किसानों को कम से कम तीन रुपये प्रति किलोग्राम का नुकसान हो रहा है।

भाजपा नेता ने दावा किया कि 60 लाख मीट्रिक टन की आवश्यकता के मुकाबले 1.4 करोड़ मीट्रिक टन आलू का उत्पादन हुआ है, इसके बावजूद किसान राज्य की सीमाओं पर पुलिस प्रतिबंधों के कारण अपनी अतिरिक्त उपज राज्य के बाहर नहीं बेच सकते जिससे उत्तर प्रदेश और पंजाब को बाजार पर हावी होने का मौका मिल गया।

अधिकारी ने टाटा मोटर्स परियोजना के बंद होने के बाद सिंगूर भूमि मुद्दे से निपटने के ममता बनर्जी के तरीके की भी आलोचना की। उन्होंने दावा किया कि निर्माण सामग्री के कारण मिट्टी की संरचना स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार सरसों की खेती और मछली पालन को लेकर किये गए वादों को पूरे करने में विफल रही है। अधिकारी ने मुख्यमंत्री पर ‘खेतीबाड़ी की बुनियादी जानकारी का अभाव’ होने का आरोप लगाया।

नेता प्रतिपक्ष ने सवाल उठाया कि पीएम-किसान सम्मान निधि के तहत केवल 50 लाख किसान परिवारों को ही लाभ क्यों मिल रहा है, जबकि 83 लाख किसान इसके पात्र हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस योजना से वंचित रह गए 33 लाख लोगों में से अधिकांश हिंदू हैं।

अधिकारी ने दावा किया कि राज्य की ‘कृषक बंधु’ योजना में बड़ी संख्या में बटाईदारों को बाहर रखा गया है।

भाजपा नेता ने राजनीतिक बदलाव का आह्वान करते हुए किसानों से आग्रह किया कि जब तक सरकार अपनी खरीद प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं करती, तब तक वे विरोध करते रहें।

अधिकारी ने कहा, ‘‘रोहिंग्या बांग्लादेशी मुसलमानों को निकालना ही पर्याप्त नहीं है, तृणमूल कांग्रेस को भी सत्ता से हटाया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि केवल निरंतर दबाव से ही नीतिगत बदलाव संभव होंगे।

भाजपा नेता ने सत्ता में आने पर किसानों के अधिकारों की रक्षा करने की पार्टी की प्रतिबद्धता दोहराई तथा सरकार बनने के छह महीने के भीतर उचित बकाया राशि जारी करने का वादा किया।

भाषा धीरज मनीषा

मनीषा