International Coffee Day 2023
International Coffee Day 2023 : नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय कॉफ़ी दिवस 1 अक्टूबर एक ऐसा अवसर है जिसका उपयोग एक पेय के रूप में कॉफ़ी को बढ़ावा देने और जश्न मनाने के लिए किया जाता है, जिसके आयोजन अब दुनिया भर के स्थानों में हो रहे हैं। पहली आधिकारिक तारीख 3 अक्टूबर 2015 थी, जैसा कि तत्कालीन अंतर्राष्ट्रीय कॉफी संगठन द्वारा सहमति व्यक्त की गई थी और इसे मिलान में लॉन्च किया गया था । इस दिन का उपयोग निष्पक्ष व्यापार कॉफी को बढ़ावा देने और कॉफी उत्पादकों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी किया जाता है।
कॉफी के इतिहास बहुत पुराना है, कॉफी के इतिहास की बात की जाए तो लगभग सभी लोग अलग-अलग तर्क देते हैं। कई लोगों का मानना है कि कॉफी अफ्रीका, वियतनाम, इंडोनेशिया और अमेरिका जैसे देशों में प्राचीन काल ले हि लोग पसंद करते थे। एक तर्क के अनुसार यूरोप में 16वीं शताब्दी और 17वीं शताब्दी के बीच कॉफी काफी मशहूर थी। वहीं एक अन्य तर्क के अनुसार कॉफी की सबसे पहले शुरुआत 850 ईसवी के आसपास इथियोपिया देश में हुई थी। मुख्य रूप से लाल सागर के दक्षिण छोर पर मौजूद इथियोपिया को कॉफी के जन्मस्थल के रूप में जाना जाता है।
भारत एशिया में कॉफी का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है और दुनिया में कॉफी का छठा सबसे बड़ा उत्पादक और पांचवां सबसे बड़ा निर्यातक है। भारत की कॉफी उच्चतम गुणवत्ता के लिए जानी जाती है, और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रीमियम माना जाता है। भारत में कॉफ़ी के दो मुख्य प्रकार हैं पहला अरेबिका, और दुसरा रोबस्टा। अरेबिका का स्वाद मीठा और मुलायम होता है वहीं रोबस्टा आमतौर पर कलिकाओं पर अधिक कड़वा और कठोर होता है। भारत में कॉफी के उद्योग से 2 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। भारत का अधिकांश कॉफी उत्पादन देश के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित है, कर्नाटक कॉफी का सबसे बड़ा उत्पादक है, जो भारत का लगभग 70 प्रतीशत उत्पादन करता है।
कॉफी एक फल है हालांकि आमतौर पर कॉफी को बीन कहा जाता है।
कॉफी पीना फायदेमंद होता है, कॉफी लोगों को लंबे समय तक जीने में मदद करता है और हृदय रोग होने की संभावना कम हो जाती है।
कॉफी डायबिटीज के जोखिम को कम करता है और कैंसर के खतरे को कम करता है।
कॉफी हमारे मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करके वजन को घटाने में मदद करता है।