आज विलक्षण कंकणाकृति सूर्यग्रहण, सूतक खत्म होने के बाद क्यों आवश्यक है स्नान, देखें मोक्षकाल में किए जाने वाले कार्य | Today unique solar eclipse, These tasks are necessary in salvation

आज विलक्षण कंकणाकृति सूर्यग्रहण, सूतक खत्म होने के बाद क्यों आवश्यक है स्नान, देखें मोक्षकाल में किए जाने वाले कार्य

आज विलक्षण कंकणाकृति सूर्यग्रहण, सूतक खत्म होने के बाद क्यों आवश्यक है स्नान, देखें मोक्षकाल में किए जाने वाले कार्य

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:54 PM IST, Published Date : June 21, 2020/2:05 am IST

आज सूर्य ग्रहण है। कंकणाकृति सूर्य ग्रहण भारत समेत दुनिया के कई देशों में ये सूर्यग्रहण नजर आएगा। सूर्यग्रहण का आरंभ सुबह 9:16 बजे होगा। लेकिन इसका आरंभ और समय हर शहर में अलग-अलग है। जानकारी के मुताबिक प्रयागराज में सूर्यग्रहण के स्पर्श का समय सुबह 10:31 बजे है। मध्य दोपहर 12:18 बजे और मोक्ष दोपहर 2:04 बजे होगा। जबकि पूर्ण रूप से मोक्ष का समय 3:04 बजे है।

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ग्रहण में नदी स्नान खासकर गंगा स्नान करने से पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है। ग्रहण के आरंभ और ग्रहण पूर्ण होने पर भी स्नान करना चाहिए। मान्यता है कि जो व्यक्ति मोक्ष के बाद स्नान नहीं करता है, उस पर तब सूतक लगा रहता है, जब तक दूसरा ग्रहण नहीं आ जाता।ग्रहण काल में किया गया अनुष्ठान फलदायी होता है। मोक्ष काल के बाद होगा स्नान-दान करना आवश्यक है। सूर्यग्रहण के मोक्षकाल के बाद भगवान की पूजा – अर्चना शुरु होगी। मंदिरों में स्थापित मूर्तियों पर गंगा जल और दूध-दही से अभिषेक किया जायेगा। ग्रहण समाप्त होने के बाद श्रद्धालु गंगा स्नान और दान करेंगे।

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सूर्य ग्रहण का समय
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– ग्रहण स्पर्श, सुबह 10:14 बजे
– ग्रहण मध्य, सुबह 11:53 बजे
– ग्रहण मोक्ष, दोपहर 1:38 बजे
– ग्रहण काल 3 घंटा 25 मिनट

वलयाकार सूर्य ग्रहण क्या होता है ?
– पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है
– सूर्य का बड़ा हिस्सा चंद्रमा के कारण ढक जाता है
– सूर्य का सिर्फ थोड़ा सा हिस्सा दिखाई देता है
– ऐसे में सूर्य कंगन के समान दिखता है