किसान ट्रैक्टर परेड : गणतंत्र दिवस पर हिंसा की जांच के लिए आयोग गठित करने की याचिका, जानिए किसने दाखिल की?

किसान ट्रैक्टर परेड : गणतंत्र दिवस पर हिंसा की जांच के लिए आयोग गठित करने की याचिका, जानिए किसने दाखिल की?

किसान ट्रैक्टर परेड : गणतंत्र दिवस पर हिंसा की जांच के लिए आयोग गठित करने की याचिका, जानिए किसने दाखिल की?
Modified Date: November 29, 2022 / 08:57 pm IST
Published Date: January 27, 2021 8:02 am IST

नयी दिल्ली,27 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय में बुधवार को एक याचिका दाखिल की गई, जिसमें गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड़ में हुई हिंसा की जांच के लिए एक आयोग के गठन का अनुरोध किया गया है। याचिका में हिंसा के लिए और 26 जनवरी को राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के लिए जिम्मेदार लोगों अथवा संगठनों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।

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कृषक संगठनों की केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में मंगलवार को हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी,लेकिन कुछ ही देर में दिल्ली की सड़कों पर अराजकता फैल गई। कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया, पुलिस के साथ झड़प की, वाहनों में तोड़ फोड़ की और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लगा दिया था। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की हैं। हिंसा में 300 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हो गए थे।

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अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अगुवाई में तीन सदस्यीय जांच आयोग गठित किया जाए जो इस मामले में साक्ष्यों को एकत्र करे तथा उसे रिकॉर्ड करे और समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट न्यायालय में पेश करे। तीन सदस्यीय इस आयोग में उच्च न्यायालय के दो सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को शामिल करने का अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन दो माह से भी अधिक समय से चल रहा है और ट्रैक्टर परेड़ के दौरान इसने ‘‘हिंसक रूप’’ ले लिया। इसमें कहा गया कि गणतंत्र दिवस पर पुलिस और किसानों के बीच हुई हिंसा पर पूरी दुनिया की नजरें गई हैं।

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याचिका में कहा गया,‘‘ मामला इसलिए गंभीर है क्योंकि जब किसान आंदोलन दो माह से भी अधिक समय से शांतिपूर्वक चल रह था तो कैसे यह हिंसक अभियान में तब्दील हो गया और इससे 26 जनवरी को हिंसा हुई। राष्ट्रीय सुरक्षा और जन हित में यह प्रश्न विचारयोग्य है कि अशांति फैलाने के लिए कौन जिम्मेदार है और कैसे और किसने किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को हिंसक अभियान में तब्दील कर दिया या किसने और कैसे ऐसे हालात पैदा कर दिए कि प्रदर्शन हिंसक हो गया।’‘ इसमें कहा गया कि,‘‘ दोनों ओर से आरोप लग रहे हैं इसलिए मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जानी चाहिए।’’

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com