राउरकेला: पाकिस्तान की जेल में 20 साल बिताने के बाद शुक्रवार को ओडिशा में अपने गांव लौटने वाले बिरजू कुल्लु की खुशी का ठिकाना नहीं था। यह कुल्लू के लिए एक अग्निपरीक्षा का अंत था जो 25 साल की उम्र में रोजी-रोटी की तलाश में घर छोड़ कर पंजाब गया था और गलती से एक दिन सीमा पार कर पाकिस्तान में प्रवेश कर गया। लाहौर की एक जेल से रिहाई के बाद वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ आदिवासी बहुल सुंदरगढ़ जिले के कुतरा ब्लॉक के अंतर्गत कटंगा गांव पहुंचे कुल्लू का स्थानीय लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
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पारंपरिक आदिवासी नृत्य, संगीत और ढोल-नगाड़ों के बीच बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने कुल्लू का स्वागत किया। कार्यक्रम स्थल के लिए रवाना होते ही कुल्लू की एक झलक पाने के लिए आसपास के क्षेत्रों के लोग सड़क के दोनों ओर खड़े नजर आए। कूल्लू के माता-पिता अब जीवित नहीं हैं, लेकिन उसके चाचा- चाची, बहन और परिवार के अन्य सदस्य उसकी रिहाई की जानकारी मिलने के बाद से ही उसका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।
कुल्लू ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि मैं अपने गांव वापस आ गया हूं और मैं जीवन भर यहीं रहूंगा। मैं अपने उन दोस्तों और अन्य रिश्तेदारों को पहचानने की कोशिश कर रहा हूं जिन्हें छोड़कर गया था।” कुल्लू गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान चला गया था। वहां उसे पकड़ कर भारतीय जासूस होने के संदेह में हिरासत में लिया गया और जेल में डाल दिया गया। उसने कहा, ‘‘मैं जेल में 20 व्यक्तियों के साथ था। हमें नियमित रूप से खाना दिया जाता था। लेकिन, मैं हमेशा अपने गांव वापस आना चाहता था और अंत में मेरी प्रार्थनाएं सुनी गईं और मैं वापस आ गया।”
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उसकी बहन टेड्रेस कुल्लू ने कहा, ‘हमारे माता-पिता अपनी पूरी जिंदगी उनका इंतजार करते रहे। आज मैं बहुत खुश हूं कि वह वापस आ गए हैं। मैं उन्हें कहीं भी जाने नहीं दूंगी।” कुतरा के खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) मानस रे ने कहा कि कुल्लू को विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत राशन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य सभी लाभ उपलब्ध कराये जाएंगे। बीडीओ ने कहा कि हम उसे सरकारी प्रावधानों के अनुसार एक घर दिलाने की भी कोशिश करेंगे।