राज्यपाल लंबित विधेयकों पर गतिरोध दूर करने के लिए मुख्यमंत्री के साथ बैठक करें: तृणमूल कांग्रेस |

राज्यपाल लंबित विधेयकों पर गतिरोध दूर करने के लिए मुख्यमंत्री के साथ बैठक करें: तृणमूल कांग्रेस

राज्यपाल लंबित विधेयकों पर गतिरोध दूर करने के लिए मुख्यमंत्री के साथ बैठक करें: तृणमूल कांग्रेस

:   Modified Date:  December 2, 2023 / 08:33 PM IST, Published Date : December 2, 2023/8:33 pm IST

कोलकाता, दो दिसंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस को राजभवन में लंबित विधेयकों से जुड़े गतिरोध को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक करनी चाहिए जैसा कि उच्चतम न्यायालय ने ऐसे ही एक अन्य मामले में निर्देश दिया है।

शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि को लंबित विधेयकों पर गतिरोध दूर करने के प्रयास के तहत मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के साथ बैठक करने के लिए कहा था।

रवि और स्टालिन के बीच विभिन्न मुद्दों पर टकराव है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का भी विभिन्न मुद्दों पर ममता बनर्जी सरकार के साथ मतभेद रहा है।

पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बोस पक्षपातपूर्ण तरीके से कार्य कर रहे हैं और विश्वविद्यालयों समेत विभिन्न स्थानों पर अनिश्चितताएं पैदा कर रहे हैं।

बोस का बचाव करते हुए विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि तमिलनाडु की स्थिति की पश्चिम बंगाल से तुलना नहीं की जा सकती क्योंकि अपने स्वार्थों की खातिर स्थापित नियमों को बदलने के लिए विधानमंडल में अपने बहुमत के इस्तेमाल की सत्तारूढ़ दल की कोशिश को रोककर राज्यपाल को सावधानी बरतनी पड़ी थी।

वरिष्ठ तृणमूल नेता और विधायी कार्य मंत्री सोवनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि बोस ने विधानसभा से पारित कई विधेयकों को रोक रखा है जिनमें वह विधेयक भी शामिल है जिसमें राज्यपाल के बजाय मुख्यमंत्री को राज्य के विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति बनाने का प्रावधान है।

चट्टोपाध्याय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा , ‘‘कुलपतियों के लिए ‘सर्च कमेटी’ की संरचना से जुड़े विधेयकों के मामले में भी माननीय उच्चतम न्यायालय ने राज्यपाल से मुख्यमंत्री के साथ मामला सुलझाने को कहा था, लेकिन वह ऐसा करने के पक्ष में नहीं हैं।’’

उन्होंने कहा कि उनके कृत्य से गतिरोध और विश्वविद्यालयों में अनिश्चितता उत्पन्न हो गयी है। शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने भी शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि राज्यपाल को मामला सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री के साथ बातचीत करनी चाहिए।

वरिष्ठ नेता और मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘बार-बार एक ही बात कहकर हम थक चुके हैं। यहां तक कि हमारी मुख्यमंत्री भी इस मामले पर राजभवन में राज्याल से मिली थीं।’’

लेकिन प्रदेश भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री को कुलाधिपति नियुक्त करने से जुड़े विधेयकों को मंजूरी नहीं देकर उन्होंने खुद को पक्षपात नहीं करने वाला व्यक्ति साबित किया है।

उन्होंने कहा कि सदन में बहुमत के दम पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने अपने संकीर्ण एजेंडे की खातिर सुस्थापित परंपराओं को तहस-नहस करने की चेष्टा की।

उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने संविधान की रक्षा के लिए हर विधेयक का मूल्यांकन किया और या तो कुछ विधेयकों पर स्पष्टीकरण मांगा या फिर उन्हें लौटा दिया या फिर विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेज दिये।

भाषा

राजकुमार संतोष

संतोष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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