लोगों की सेवा के लिये टीआरएस की एमएलसी चुनाव की पेशकश स्वीकार की : वाणी देवी

लोगों की सेवा के लिये टीआरएस की एमएलसी चुनाव की पेशकश स्वीकार की : वाणी देवी

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  • Publish Date - February 25, 2021 / 01:00 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:19 PM IST

हैदराबाद, 25 फरवरी (भाषा) तेलंगाना में सत्ताधारी टीआरएस द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिंह राव की बेटी को विधान पार्षद का टिकट देने का फैसला उनके पिता की कांग्रेसी जड़ों को देखते हुए चौंकाने वाला जरूर था लेकिन एस वाणी देवी का कहना है कि वह अराजनैतिक हैं और उन्होंने लोगों की सेवा के लिये यह पेशकश स्वीकार की है।

कांग्रेस नेतृत्व द्वारा उनके पिता को उचित सम्मान नहीं देने, खास तौर पर उनके निधन के बाद के सवाल पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए उन्होंने हालांकि यह जरूर कहा कि तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष और प्रदेश के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने पिछले साल जून में भव्य तरीके से उनकी जन्म शताब्दी मनाई।

शिक्षाविद् वाणी देवी (69) ने कहा कि वह ‘अराजनैतिक’ हैं और उनका करियर शिक्षा व कला के क्षेत्र में केंद्रित रहा है।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “जब भी मुझे मौका मिले, यह एक अच्छी चीज है। राष्ट्र की सेवा, यह एक अच्छी चीज है। मैं ज्यादा लोगों के लिये काम कर सकूंगी।”

वाणी देवी ने कहा कि उन्होंने तेलंगाना विधान परिषद का आगमी चुनाव टीआरएस की टिकट पर लड़ने की पेशकश ज्यादा बड़े मंच से लोगों की सेवा के अवसर के लिये स्वीकार की। यद्यपि उनके पिता आजीवन कांग्रेसी रहे।

टीआरएस ने वाणी देवी को 14 मार्च को होने वाले विधान परिषद चुनाव के लिये महबूबनगर-रंगारेड्डी-हैदराबाद स्नातक सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में 35 वर्षों तक काम करने के बाद वह एमएलसी के तौर पर काम करने को उचित अवसर मानती हैं।

वाणी देवी ने लेक्चरर के तौर पर काम करने के अलावा शिक्षण संस्थानों की स्थापना भी की और वह प्रख्यात कलाकार भी हैं।

नरसिंह राव के साथ कांग्रेस के व्यवहार की आलोचना के बारे में उन्होंने कहा कि राजनीति और दलों के बारे में बात करने में उनकी रुचि नहीं है।

उन्होंने कहा, “हमारी रुचि किसी व्यक्ति, किसी दल की आलोचना में नहीं है। लेकिन उनकी प्रतिबद्धता, समर्पण, सेवा और वफादारी के बावजूद जो व्यवहार हुआ, मुझे क्या जवाब देना चाहिए। पूरी दुनिया जानती है।”

नरसिंह राव के प्रधानमंत्री रहते उनके साथ विदेश दौरों पर जाने वाली वाणी देवी ने कहा, “जिन्होंने इस तरह का व्यवहार किया, बेहतर होता, उनसे यह पूछा जाता। उन्हें वजह पता होगी। मैं नहीं जानती, क्योंकि मैं दृश्य में नहीं थी।”

भाषा

प्रशांत माधव

माधव