UCC in Indian States: उत्तराखंड के बाद अब इस भाजपा शासित राज्य में UCC लागू करने की तैयार में सरकार!.. CM ने किया कमेटी का ऐलान

यूसीसी का अर्थ है कि राज्य में सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गोद लेने, संपत्ति के बंटवारे और अन्य सिविल मामलों के लिए एक समान कानून लागू होगा। इसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों और समुदायों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ की जगह एक समान प्रणाली स्थापित करना है। इसके तहत शादी और लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल्स को भी पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। 

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  • Publish Date - February 4, 2025 / 03:45 PM IST,
    Updated On - February 4, 2025 / 03:45 PM IST

UCC will be implemented in Gujarat too | Image- Live Law

HIGHLIGHTS
  • गुजरात में जल्द लागू किया जा सकता है सामान नागरिक संहिता
  • मुख्यमंत्री ने किया पांच सदस्यीय कमेटी के गठन का ऐलान
  • 45 दिनों के भीतर सौंपनी होगी रिपोर्ट

UCC will be implemented in Gujarat too: गांधीनगर: उत्तराखंड के बाद अब गुजरात में भी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रेस वार्ता में यह जानकारी साझा की और बताया कि इसके लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जो 45 दिनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

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समिति का गठन

मुख्यमंत्री पटेल ने बताया कि यूसीसी का मसौदा तैयार करने और कानून बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति बनाई गई है। यह समिति 45 दिनों के भीतर राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर आगे का निर्णय लिया जाएगा।

उत्तराखंड में सामान नागरिक संहिता

UCC will be implemented in Gujarat too: 27 जनवरी को उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू की गई, जिससे यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रिमोट के माध्यम से अधिसूचना जारी कर यूसीसी को लागू किया था।

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समान नागरिक संहिता (UCC) क्या है?

यूसीसी का अर्थ है कि राज्य में सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गोद लेने, संपत्ति के बंटवारे और अन्य सिविल मामलों के लिए एक समान कानून लागू होगा। इसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों और समुदायों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ की जगह एक समान प्रणाली स्थापित करना है। इसके तहत शादी और लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल्स को भी पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।

समान नागरिक संहिता (UCC) क्यों आवश्यक है?

यूसीसी का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून प्रणाली स्थापित करना है, जिससे विभिन्न पर्सनल लॉ के कारण होने वाली असमानताओं को दूर किया जा सके और लैंगिक समानता को बढ़ावा दिया जा सके।

क्या यूसीसी सभी धर्मों पर लागू होगी?

हाँ, समान नागरिक संहिता सभी धर्मों और समुदायों के नागरिकों पर लागू होगी, जिससे सभी के लिए एक समान सिविल कानून प्रणाली सुनिश्चित होगी।

यूसीसी के लागू होने से क्या परिवर्तन होंगे?

यूसीसी के लागू होने से विवाह, तलाक, गोद लेना, संपत्ति का बंटवारा आदि सिविल मामलों में एक समान कानून लागू होगा, जिससे सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और कर्तव्य सुनिश्चित होंगे।

क्या अन्य राज्यों में भी यूसीसी लागू होने की संभावना है?

उत्तराखंड और गुजरात के बाद, अन्य राज्य भी यूसीसी लागू करने पर विचार कर सकते हैं, लेकिन यह प्रत्येक राज्य की सरकार के निर्णय पर निर्भर करेगा।

यूसीसी के विरोध में क्या तर्क दिए जाते हैं?

कुछ समूहों का मानना है कि यूसीसी उनकी धार्मिक स्वतंत्रता और परंपराओं में हस्तक्षेप कर सकती है, जबकि समर्थकों का कहना है कि यह लैंगिक समानता और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देती है।