ठाकरे बंधुओं की एकजुटता से फडणवीस और महायुति के अन्य नेता परेशान : राउत

ठाकरे बंधुओं की एकजुटता से फडणवीस और महायुति के अन्य नेता परेशान : राउत

ठाकरे बंधुओं की एकजुटता से फडणवीस और महायुति के अन्य नेता परेशान : राउत
Modified Date: July 6, 2025 / 05:57 pm IST
Published Date: July 6, 2025 5:57 pm IST

मुंबई, छह जुलाई (भाषा)राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे और शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे के एक साथ आने से मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस सहित सत्तारूढ़ ‘महायुति’ के नेता घबरा गए हैं।

शिवसेना (उबाठा) से जुड़े राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि ठाकरे बंधुओं ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार द्वारा हिंदी भाषा संबंधी सरकारी आदेश वापस लिए जाने का जश्न मनाने के लिए ‘विजय’ रैली आयोजित की जिससे महायुति के नेता असमंजस में हैं।

चचेरे ठाकरे भाइयों ने दो दशकों में पहली बार एक साथ राजनीतिक मंच पर नजर आए थे। इस दौरान उद्धव ने संकेत दिया कि शिवसेना (उबाठा) और मनसे के बीच राजनीतिक गठबंधन हो सकता है।

 ⁠

राउत ने कहा, ‘‘महायुति नेता और देवेंद्र फडणवीस ठाकरे बंधुओं के साथ आने से परेशान हैं।’’

शिवसेना-मनसे की जनसभा के बाद फडणवीस ने दावा किया था कि उद्धव ठाकरे ने ‘रुदाली’ जैसा भाषण दिया है।

राउत ने कहा, ‘‘फडणवीस और (उपमुख्यमंत्री एकनाथ) शिंदे को (ठाकरे बंधुओं के साथ आने पर)अब रोने का कार्यक्रम शुरू करना चाहिए।’’

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि महाराष्ट्र ने ‘‘हिंदी थोपे जाने के खिलाफ लड़ाई’ जीत ली है। उन्होंने कहा कि दो ठाकरे भाइयों और सहयोगियों की एकता ने यह जीत हासिल की है।

राउत ने रैली के बाद कहा कि कई दक्षिण भारतीय राज्यों के नेताओं, विशेष रूप से तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने जोर देकर कहा है कि वे केंद्र से लड़ सकते हैं और ‘‘हिंदी थोपने को उखाड़ फेंक सकते हैं।’’

उद्धव और राज ने शनिवार को संयुक्त रूप से मुंबई के वर्ली में ‘आवाज मराठीचा’ नाम से एक विजय रैली आयोजित की थी। इसमें फडणवीस सरकार द्वारा सरकारी विद्यालयों में पहली कक्षा से हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल करने संबंधी दो सरकारी आदेशों को वापस लेने का जश्न मनाया।

भाषा धीरज रंजन

रंजन


लेखक के बारे में