यूडीएफ ने विझिंजम हिंसा की न्यायिक जांच कराने की मांग की

यूडीएफ ने विझिंजम हिंसा की न्यायिक जांच कराने की मांग की

यूडीएफ ने विझिंजम हिंसा की न्यायिक जांच कराने की मांग की
Modified Date: December 6, 2022 / 04:19 pm IST
Published Date: December 6, 2022 4:19 pm IST

तिरुवनंतपुरम, छह दिसंबर (भाषा) केरल विधानसभा में विपक्षी गठबंधन संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने राज्य सरकार पर मंगलवार को तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि उसने विझिंजम बंदरगाह का विरोध कर रहे मछुआरों के प्रति ‘‘शत्रुता पूर्ण रवैया’’ अपना लिया है। विपक्षी खेमे ने बंदरगाह के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की न्यायिक जांच कराने की भी मांग की।

केरल विधानसभा में विझिंजम मामले पर पेश स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान यूडीएफ सदस्यों ने कहा कि जांच से सच्चाई सामने लाई जानी चाहिए और तथ्यों को नहीं छिपाया जाना चाहिए। विपक्ष ने इसके साथ ही स्पष्ट किया कि वह बंदरगाह के निर्माण कार्य को रोकने की मांग नहीं कर रहा है।

विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश करने वाले कांग्रेस विधायक एम विंसेट ने कहा कि विकास कार्य सहमति से होना चाहिए न कि संघर्ष के जरिये। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की वाम सरकार ने मछुआरा समुदाय से संपर्क नहीं किया और अधिकारियों को कई बार अपनी चिंताओं से अवगत कराए जाने के बाद उनका समाधान नहीं किया गया।

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विंसेट ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार प्रदर्शनकारियों को ‘शत्रुतापूर्ण रवैये’ से देख रही है और कुछ मंत्रियों ने उन्हें ‘‘आतंकवादी” और ‘‘राष्ट्र विरोधी’’ तक कह दिया है। कोवलम के विधायक ने आरोप लगाया कि जानबूझकर पुलिस द्वारा मछुआरा समुदाय को उकसाया जा रहा है और क्षेत्र में मुद्दा बनाया जा रहा है।

इस बीच, सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के साजी चेरियन ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमन चांडी की पूर्ववर्ती यूडीएफ सरकार ने इस बंदरगाह के निर्माण को मंजूरी दी थी। उन्होंने कहा,‘‘अपने शासन में सभी अनुमति देने के बाद विपक्ष अब समस्या खड़ी करने की कोशिश कर रहा है।”

भाषा धीरज प्रशांत

प्रशांत


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