उप्र में आवारा पशुओं की समस्या से निपटने में विफल रही सरकार: कांग्रेस

उप्र में आवारा पशुओं की समस्या से निपटने में विफल रही सरकार: कांग्रेस

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  • Publish Date - May 16, 2024 / 08:06 PM IST,
    Updated On - May 16, 2024 / 08:06 PM IST

नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार आवारा पशुओं की समस्या से निपटने में विफल साबित हुई है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुनावी जनसभाओं का हवाला देते हुए उनसे कई विषयों पर सवाल किए।

रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ आज उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार कर रहे निवर्तमान प्रधानमंत्री से हमारे दोपहर के सवाल मोदी सरकार भदोही के कालीन उद्योग को क्यों बर्बाद कर रही है? उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को आवारा पशुओं से निपटने के लिए उनके हाल पर क्यों छोड़ दिया है? उत्तर प्रदेश के युवा बेरोज़गार क्यों हैं?’’

उन्होंने कहा, ‘‘अधिकतर एमएसएमई की तरह, भदोही के कालीन उद्योग को भी मोदी सरकार के कार्यकाल में भयंकर नुक़सान हुआ है। सबसे पहले, यह उद्योग जटिल कर संरचना और जीएसटी की उच्च दरों से प्रभावित हुआ।

एक व्यवसाय निकाय के अनुसार, हाथ से निर्मित समानों और अन्य फर्श कवरिंग आइटम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है और हाथ से निर्मित वस्तुओं की बिक्री एवं ख़रीद पर 12 प्रतिशत लगाया गया है।’’

रमेश ने सवाल किया कि भाजपा ने भदोही के कालीन उद्योग को क्यों बर्बाद कर दिया?

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ‘न्याय पत्र’ (घोषणापत्र) में भारत के छोटे निर्माताओं की सुरक्षा के लिए जीएसटी व्यवस्था को तर्कसंगत और सरल बनाने का वादा किया है।

कांग्रेस नेता ने यह सवाल भी किया कि भदोही के कालीन निर्माताओं को समर्थन देने के लिए भाजपा के पास क्या दृष्टिकोण है?’’

उन्होंने आवारा पशुओं के विषय को लेकर दावा किया कि कई बार के वादे के बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार बढ़ते आवारा पशुओं की समस्या का समाधान करने में विफल रही है।

रमेश ने सवाल किया कि आवारा पशुओं से जुड़ी समस्या को हल करने के लिए उनके पास क्या दृष्टिकोण है?

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘पिछले साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वादा किया था कि वह अगले 3-4 वर्षों में राज्य में 2 करोड़ नई नौकरियां पैदा करेंगे। याद कीजिए यह वही वादा है जो प्रधानमंत्री ने 2014 में सत्ता में आने से पहले किया था। हम जानते हैं कि उसके बाद क्या हुआ – बेरोज़गारी ने वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया और वृद्धि दर बिल्कुल धीमी हो गई।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों ने पिछले दशक में दो करोड़ नौकरी देने के वादे को पूरा करने के लिए क्या किया है? प्रधानमंत्री की राह पर चलने वाले उनके सहयोगी अब वही वादे क्यों कर रहे हैं जिन्हें प्रधानमंत्री पूरा करने में विफल रहे? उत्तर प्रदेश और भारत के रिकॉर्ड बेरोज़गारी संकट को हल करने के लिए भाजपा के पास क्या दृष्टिकोण है?’’

भाषा हक

हक रंजन

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