Rupees vs Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपया हुआ मजबूत, जानिए अभी क्या है इंडियन करंसी की वैल्यू?

कारोबार के आखिर में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 79.72 पर बंद हुआ है, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 23 पैसे की बढ़त है।

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  • Publish Date - September 8, 2022 / 11:19 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:48 PM IST

Rupees vs Dollar: कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और घरेलू शेयर बाजारों में मजबूती के बीच रुपया गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 23 पैसे की तेजी के साथ 79.72 (अस्थायी) पर बंद हुआ है। अंतर बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में स्थानीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 79.72 पर खुली है। दिन में कारोबार के दौरान इसने 79.65 का ऊपरी और 79.83 का निचला स्तर देखा है। कारोबार के आखिर में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 79.72 पर बंद हुआ है, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 23 पैसे की बढ़त है।

इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दिखाने वाला डॉलर सूचकांक 0.11 फीसदी गिरकर 109.72 पर आ गया है। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.60 फीसदी गिरकर 87.47 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर मौजूद था।

घरेलू शेयर बाजारों की बात करें, तो बीएसई सेंसेक्स 659.31 अंक या 1.12 फीसदी बढ़कर 59,688.22 पर बंद हुआ है। जबकि, व्यापक एनएसई निफ्टी 174.35 अंक या 0.99 फीसदी चढ़कर 17,798.75 अंक पर बंद हुआ है।

शेयर बाजार के अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने बुधवार को शुद्ध रूप से 758.37 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं।

आप-हम पर क्या होता है रुपये का असर?

Rupees vs Dollar: रुपये की गिरावट का असर आम जन जीवन पर देखा जा सकता है. हाल के दिनों में महंगाई दर के रूप में यह देखा भी जा रहा है। रुपये में कमजोरी से अंतररराष्ट्रीय बाजार से आयात की गई कमोडिटी में किसी भी कमी का असर घट जाती है। ऐसे में कच्चे तेल में गिरावट का फायदा पाने में और समय लगेगा क्योंकि कीमतों में गिरावट के बीच रुपये में कमजोरी से आयात बिल बढ़ जाएगा और इससे सरकारी खजाने पर बोझ बना रहेगा। अभी विदेशी बाजारों में कच्चे तेल में गिरावट देखी जा रही है, लेकिन रुपया कमजोर होने के चलते इसका फायदा आम लोगों को नहीं मिल पा रहा है।

Rupees vs Dollar: आम जन को फायदा तब मिलता है, जब विश्व बाजारों में कमॉडिटी के भाव गिरेंगे और रुपया, डॉलर के मुकाबले मजबूत स्थिति में आता है। आम लोगों को महंगाई के मोर्चे पर राहत तभी मिलती है, जब वैश्विक बाजार में कमॉडिटी के भाव गिरे और रुपया मजबूत हो. हालांकि हाल की गिरावटों को देखकर इतना जल्द रुपये में मजबूती की संभावना नहीं दिखती। रुपया लगातार कई दिनों से डॉलर के मुकाबले निचले स्तर पर चल रहा है।

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