‘वीबी-जी राम जी’ बनाम मनरेगा: दोनों के बीच प्रमुख अंतर

‘वीबी-जी राम जी’ बनाम मनरेगा: दोनों के बीच प्रमुख अंतर

‘वीबी-जी राम जी’  बनाम मनरेगा: दोनों के बीच प्रमुख अंतर
Modified Date: December 18, 2025 / 09:29 pm IST
Published Date: December 18, 2025 9:29 pm IST

नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025 को बृहस्पतिवार को लोकसभा द्वारा पारित किया गया और यह मनरेगा को निरस्त करता है और ग्रामीण रोजगार परिदृश्य में सरकार की भूमिका के संरचनात्मक परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करता है।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना था।

इस अधिनियम के तहत प्रत्येक ऐसे परिवार को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों के गारंटीकृत वेतनभोगी रोजगार का वादा किया गया था, जिसके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम के लिए स्वेच्छा से काम करते हैं।

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विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) (वीबी-जी राम जी) विधेयक का उद्देश्य 125 दिनों के वेतन रोजगार की वैधानिक गारंटी प्रदान करके ‘‘विकसित भारत 2047 के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप ग्रामीण विकास ढांचा’’ स्थापित करना है।

ग्रामीण रोजगार के दो ढांचों के बीच प्रमुख अंतर इस प्रकार हैं:

* जहां मनरेगा में 100 दिनों के मजदूरी रोजगार का प्रावधान है, वहीं ‘वीबी-जी राम जी विधेयक’ 125 दिनों के मजदूरी रोजगार का वादा करता है।

* मनरेगा मांग-आधारित है, जिसका अर्थ है कि यदि काम की मांग है तो सरकार को अतिरिक्त धनराशि आवंटित करनी होगी।

‘वीबी-जी राम जी विधेयक’ में राज्यों के लिए मानक आवंटन का प्रावधान है, और इससे अधिक होने वाला कोई भी व्यय राज्य सरकारों को वहन करना होगा।

मनरेगा के तहत, मजदूरी का 100 प्रतिशत भुगतान केंद्र द्वारा किया जाएगा, जबकि सामग्री की लागत केंद्र और राज्यों के बीच 75:25 के अनुपात में साझा की जाएगी।

केंद्र प्रायोजित योजना ‘वीबी-जी राम जी’ के तहत, राज्य सरकारें पहले की तुलना में व्यय का अधिक हिस्सा वहन करेंगी।

वित्तीय दायित्व केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझा किया जाएगा, जिसमें पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए 90:10 का अनुपात और विधायिका वाले अन्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के लिए 60:40 का अनुपात होगा।

जिन केंद्र शासित प्रदेशों में विधायिका नहीं है, उनके लिए पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी।

‘वीबी-जी राम जी’ योजना के तहत, राज्य बुवाई और कटाई के कृषि मौसमों को कवर करने वाली एक अवधि अधिसूचित करेगा, जिसके दौरान इस योजना के तहत काम नहीं मांगा जा सकता है।

मनरेगा के तहत, काम को जल संरक्षण, सूखा-रोधी उपाय, सिंचाई, पारंपरिक जल निकायों का नवीनीकरण, भूमि विकास और बाढ़ नियंत्रण जैसी व्यापक श्रेणियों में विभाजित किया गया है।

मनरेगा के तहत, ग्राम पंचायत अपने क्षेत्र में परियोजनाओं की पहचान करने के लिए जिम्मेदार है। किए जाने वाले कार्यों की प्रकृति और चयन, प्रत्येक कार्यस्थल के चयन का क्रम आदि से संबंधित योजनाएं और निर्णय ग्राम सभा या वार्ड सभा की खुली सभाओं में लिए जाएंगे और पंचायत द्वारा अनुमोदित किए जाएंगे।

कार्यक्रम अधिकारी इस योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायतों के माध्यम से कार्यान्वित किए जाने वाले कार्यों की लागत का कम से कम 50 प्रतिशत आवंटित करेगा।

‘वीबी-जी राम जी’ विधेयक में कहा गया है कि प्रत्येक पंचायत को विकास मापदंडों के आधार पर निर्धारित श्रेणियों ए, बी, सी में अपने वर्गीकरण के आधार पर योजनाएं तैयार करनी होंगी।

भाषा

देवेंद्र पवनेश

पवनेश


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