Wakf Board Amendment Bill
नई दिल्ली: Wakf Board Amendment Bill, संसद में आज संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ बिल पेश कर दिया है। इस पर कांग्रेस और सपा के सांसंदों ने आपत्ति की और कांग्रेस और सपा के सांसदों ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे संविधान के खिलाफ बताया। सपा सांसद मोहिबुल्ला ने कहा है कि ये हमारे धर्म में दखलअंदाजी है।
किरेन रिजिजू ने कहा कि हम प्रस्ताव करते हैं कि जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी को भेज दिया जाए। इस पर स्पीकर ने कहा कि हां, जल्द ही कमेटी बनाऊंगा। असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर डिवीजन की मांग की। स्पीकर ने कहा कि इस पर डिवीजन कैसे बनता है। ओवैसी ने कहा कि हम तो शुरू से डिवीजन की मांग कर रहे हैं।
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किरेन रिजिजू ने कहा कि हम भागने वाले नहीं हैं। उन्होंने विधेयक पेश करते हुए कहा कि इस बिल को यहां से पास कर दीजिए, इसके बाद इसमें जो भी स्क्रूटनी करनी हो, हम तैयार हैं। ये बिल आप जेपीसी बनाकर उसे भेज दीजिए। हर दल के सदस्य उस कमेटी में हों, जो भी स्क्रूटनी करना चाहें, हम तैयार हैं। किरेन रिजिजू ने मुसलमान वक्फ रिपील बिल पेश किया।
#WATCH वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर लोकसभा में बोलते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “…आज जो विधेयक लाया जा रहा है वह सच्चर समिति की रिपोर्ट (जिसमें सुधार की बात कही गई थी) पर आधारित है, जिसे आपने (कांग्रेस ने) बनाया था।” pic.twitter.com/YlcwKnhfKt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 8, 2024
किरेन रिजिजू ने कहा कि मुसलमान वक्फ एक्ट 1923 पूरे देश में लागू हुआ जिसमें बलूचिश्तान और संथाल परगना भी शामिल हैं। ये एक्ट एप्लिकेबल नहीं है। इसलिए इसे रूल बुक में ही नहीं रहना चाहिए। अमित शाह ये 1955 के बिल और 2013 के संशोधन के बाद अस्तित्व में ही नहीं है। इसे हम कागज से निकाल रहे हैं। इसमें विपक्ष को आपत्ति नहीं होना चाहिए।
इसके पहले किरेन रिजिजू ने कहा कि हमने ये नहीं कहा कि वक्फ बोर्ड में इस धर्म का होना चाहिए। हमने ये कहा है कि वक्फ बोर्ड में एमपी को होना चाहिए। अब चुनकर किसी सदस्य को भेज दिया जो हिंदू है या बौद्ध है, तो क्या उसका धर्म परिवर्तन करा देना चाहिए। वक्फ बोर्ड में जो मेंबर हो, उनको जानकार होना चाहिए। एडमिनिस्ट्रेटिव स्किल वाले लोगों को वक्फ बोर्ड में लाना चाहिए। ये सब आपकी सिफारिशें हैं, लागू हम कर रहे हैं।
#WATCH वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का समर्थन करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “इस विधेयक से किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा…किसी के अधिकार छीनने की बात तो भूल ही जाइए, यह विधेयक उन लोगों को अधिकार देने के लिए लाया गया है… pic.twitter.com/7RnzEtpavJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 8, 2024
रिजजू ने कहा कि बच्चों और महिलाओं के लिए हमने काफी ध्यान रखा है। ये एक्ट पास हो जाने के बाद कोई महिला-बच्चा इंसाफ से वंचित रह जाएं, ऐसा नहीं होना चाहिए। हमने इसके लिए प्रावधान किया है। वक्फ प्रॉपर्टी से जो भी इनकम होगी, वह मुस्लिमों के कल्याण पर ही खर्च होगी। आप लोग तो कोई प्रावधान नहीं किया। किसी मंत्रालय को संभालने के लिए क्या उस धर्म या जाति का होना चाहिए क्या? वे बार-बार कह रहे हैं कि मैं मुसलमान नहीं हूं इसलिए मुझे नहीं बोलना चाहिए। ये आपत्तिजनक बात है, खुद अल्पसंख्यक हूं लेकिन मुसलमान नहीं हूं। खुशी है कि मुसलमानों के कल्याण के लिए ये बिल रखने का मौका मिला है। कभी कभी ऐसा मौका मिलता है जिसे सदियों तक याद रखा जाए। बिल में जितने भी प्रावधान किए गए हैं, सबको और विस्तार से आपके सामने रखूंगा। ये मेरा आखिरी भाषण नहीं है। आप लोगों ने जितनी आपत्तियां कीं, उसका 50 परसेंट ही जवाब दिया है। अभी आधे का जवाब बाकी है।
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