संगीतकारों के बहिष्कार के फैसले के बावजूद हम अपना फैसला नहीं बदलेंगे: मद्रास संगीत अकादमी |

संगीतकारों के बहिष्कार के फैसले के बावजूद हम अपना फैसला नहीं बदलेंगे: मद्रास संगीत अकादमी

संगीतकारों के बहिष्कार के फैसले के बावजूद हम अपना फैसला नहीं बदलेंगे: मद्रास संगीत अकादमी

:   Modified Date:  March 21, 2024 / 08:35 PM IST, Published Date : March 21, 2024/8:35 pm IST

बेंगलुरु/चेन्नई, 21 मार्च (भाषा) मद्रास संगीत अकादमी द्वारा इस साल अपना प्रतिष्ठित संगीत कलानिधि पुरस्कार कर्नाटक संगीत के गायक टी एम कृष्णा को देने के फैसले को लेकर कर्नाटक संगीत जगत में घमासान मच गया है।

पुरस्कार की घोषणा 17 मार्च को की गई थी। इस घोषणा के बाद कुछ संगीतकारों ने इस साल के ‘मरगजी महोत्सव’ के लिए अकादमी द्वारा आयोजित संगीत कार्यक्रमों का बहिष्कार करने का फैसला किया है। ‘मरगजी महोत्सव’ चेन्नई का प्रसिद्ध संगीत और नृत्य कार्यक्रम है जो हर साल आयोजित होता है।

हालांकि, अकादमी के अध्यक्ष एन मुरली ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि अगर और (लोग) भी संगीतकार बहिष्कार करने की घोषणा करते हैं, तो भी संस्था अपने फैसले पर कायम रहेगी।

अब तक, छह संगीतकारों-गायिका रंजनी और गायत्री, श्रीकृष्ण मोहन और रामकुमार मोहन (उर्फ त्रिचूर ब्रदर्स), हरिकथा प्रतिपादक दुष्यन्त श्रीधर और विशाखा हरि ने अकादमी के ‘मरगजी महोत्सव’ का हिस्सा बनने से इनकार करके अपना विरोध दर्ज कराया है।

ब्राह्मणवादी रूढ़िवाद, लैंगिक और जाति पूर्वाग्रह के खिलाफ मुखर रहे कृष्णा को कर्नाटक संगीत जगत में विद्रोही स्वर माना जाता है। उन्होंने ‘मरगजी महोत्सव’ के दौरान प्रदर्शन करने से इनकार कर दिया था और इसके बजाय कर्नाटक संगीत को आम लोगों तक ले जाने के लिए 2016 में उरुर-ओल्कोट कुप्पम में वार्षिक ‘कुप्पम मरगजी महोत्सव’ शुरू किया था।

भाषा आशीष माधव

माधव

 

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