Stepmother strangles seven-year-old girl to death
नई दिल्ली। What is digital rape : देश की राजधानी दिल्ली से रेप का एक अनोखा मामला सामने आया है। पुलिस ने 81 साल के पेंटर को डिजिटल रेप के मामले में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए पेंटर की पहचान मौरिस राइडर के रूप में हुई है। डिजिटल रेप एक अलग तरह का यौन उत्पीड़न का मामला है। हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर यह है क्या? आज हम आपको डिजिटल रेप से जुडी पूरी जानकारी देंगे।
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पेंटर पर आरोप है कि पीड़िता का यौन उत्पीड़न तब शुरू हुआ जब वह 10 साल की थी और आरोपी गिरफ्तारी तक डिजिटल तरीके से उसके साथ रेप करता रहा। फिलहाल मामले की जांच जारी है। पीड़िता की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 323, 506 और पॉक्सो एक्ट की धारा 5 और 6 के तहत मामला दर्ज कर लिया। आरोप है कि पीड़िता जब विरोध करती थी तो आरोपी उसको पीटता भी था।
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डिजिटल रेप का मतलब इंटरनेट के माध्यम से किया गया रेप बिल्कुल नहीं है। डिजिटल रेप शब्द दो शब्दों को जोड़कर बना है जो डिजिट और रेप हैं। इंग्लिश के डिजिट का मतलब हिंदी में मतलब अंक होता है तो वहीं अंग्रेजी के शब्दकोश में डिजिट अंगुली, अंगूठा, पैर की अंगुली इन शरीर के अंगो को भी डिजिट कहा जाता है।
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कोई शख्स महिला की सहमति के बिना उसके प्राइवेट पार्ट्स को अपनी अंगुलियों या अंगूठे से छेड़ता है तो ये डिजिटल रेप कहलाता है। जो शख्स अपने डिजिट का इस्तेमाल करके यौन उत्पीड़न करे तो ये डिजिटल रेप कहा जाता है। विदेशों की तरह भारत में इसके लिए कानून बना है। इस अपराध को 2013 के आपराधिक कानून संशोधन के माध्यम से भारतीय दंड संहिता में शामिल किया गया था। इसे निर्भया अधिनियम (Nirbhaya Act) भी कहा जाता है। साल 2013 के बाद बलात्कार का मतलब सिर्फ संभोग तक ही सीमित नहीं रह गया है। अब इसमें कई नियम जुड़ चुके हैं।
डिजिटल रेप के 70 फीसदी मामले किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा अंजाम दिए जाते हैं जो पीड़िता का करीबी होता है। हालांकि, डिजिटल रेप के बहुत कम अपराध दर्ज किए जाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि अधिकांश लोग बलात्कार के कानूनों और ‘डिजिटल बलात्कार’ शब्द के बारे में नहीं जानते हैं। कानून के अनुसार, अपराधी को कम से कम पांच साल जेल की सजा हो सकती है। कुछ मामलों में, यह सजा 10 साल तक चल सकती है या कुछ मामलों में आजीवन कारावास भी हो सकती है।