owaisi speech in lok sabha, image source: ANI X
नईदिल्ली: Owaisi speech in loksabha भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “अनुच्छेद 26 पढ़ें, यह धार्मिक संप्रदायों को धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए संस्था स्थापित करने और बनाए रखने का अधिकार देता है। प्रधानमंत्री कहते हैं कि वक्फ का संविधान से कोई लेना-देना नहीं है। प्रधानमंत्री को कौन पढ़ा रहा है? उन्हें अनुच्छेद 26 पढ़वाएं। लक्ष्य वक्फ संपत्तियों को छीनना है… आप इसे अपनी ताकत के आधार पर छीनना चाहते हैं…”
#WATCH भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “अनुच्छेद 26 पढ़ें, यह धार्मिक संप्रदायों को धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए संस्था स्थापित करने और बनाए रखने का अधिकार देता है। प्रधानमंत्री कहते हैं कि वक्फ का… pic.twitter.com/8sf3gpUzzD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 14, 2024
rahul gandhi speech in loksabha भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, “…मैं आपसे (सत्ता पक्ष) पूछना चाहता हूं, क्या आप अपने नेता के शब्दों पर कायम हैं? क्या आप अपने नेता के शब्दों का समर्थन करते हैं? क्योंकि जब आप संसद में संविधान की रक्षा के बारे में बोलते हैं, तो आप सावरकर का उपहास कर रहे होते हैं, आप सावरकर को गाली दे रहे होते हैं, आप सावरकर को बदनाम कर रहे होते हैं।”
#WATCH भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, “…मैं आपसे (सत्ता पक्ष) पूछना चाहता हूं, क्या आप अपने नेता के शब्दों पर कायम हैं? क्या आप अपने नेता के शब्दों का समर्थन करते हैं? क्योंकि जब आप संसद में संविधान… pic.twitter.com/gRN2mIeOgr
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भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, “मैं अपना भाषण भाजपा के नहीं बल्कि RSS के विचारों की आधुनिक व्याख्या करने वाले सर्वोच्च नेता के कथन को उद्धृत करके शुरू करना चाहता हूं, जो भारत के संविधान के बारे में और उनके विचार से भारत को कैसे चलाया जाना चाहिए, के बारे में कहते हैं – “भारत के संविधान की सबसे बुरी बात यह है कि इसमें कुछ भी भारतीय नहीं है। मनुस्मृति वह धर्मग्रंथ है जो हमारे हिंदू राष्ट्र के लिए वेदों के बाद सबसे अधिक पूजनीय है और जिससे हमारी प्राचीन संस्कृति, रीति-रिवाज, विचार और व्यवहार का आधार बना है। इस पुस्तक ने सदियों से हमारे राष्ट्र की आध्यात्मिक और दैवीय यात्रा को संहिताबद्ध किया है। आज मनुस्मृति ही कानून है।” ये सावरकर के शब्द हैं…सावरकर ने अपने लेखन में स्पष्ट रूप से कहा है कि हमारे संविधान में कुछ भी भारतीय नहीं है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि जिस पुस्तक से भारत चलता है, उसे इस पुस्तक से हटा दिया जाना चाहिए। इसी बात को लेकर लड़ाई है…”
वहीं भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, “…हम यहां जाति जनगणना लागू करेंगे और उसके बाद हिंदुस्तान में एक नए तरह का विकास, एक नई तरह की राजनीति होगी… हम यहां 50% आरक्षण की दीवार को तोड़ेंगे और हम यहां जाति जनगणना कराएंगे।”
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लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, “…अंबेडकर जी ने कहा था – ‘अगर राजनीतिक समानता है लेकिन सामाजिक और आर्थिक समानता नहीं है, तो राजनीतिक समानता नष्ट हो जाएगी’, ये अंबेडकर जी के शब्द हैं। आज ये सबके सामने है। राजनीतिक समानता खत्म हो गई है। भारत की सभी संस्थाओं पर कब्जा कर लिया गया है, सामाजिक समानता नहीं है, आर्थिक समानता नहीं है, इसलिए हमारा अगला कदम जाति जनगणना होगी…”
भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, “यह अभयमुद्रा है। आत्मविश्वास, शक्ति और निर्भयता कौशल से, अंगूठे से आती है। ये लोग इसके खिलाफ हैं। जिस तरह से द्रोणाचार्य ने एकलव्य का अंगूठा काट दिया था, आप पूरे देश का अंगूठा काटने में व्यस्त हैं… जब आप धारावी को अडानी को सौंपते हैं, तो आप उद्यमियों, छोटे और मध्यम व्यवसायों के अंगूठे काट देते हैं। जब आप भारत के बंदरगाहों, हवाई अड्डों और रक्षा उद्योग को अडानी को सौंपते हैं, तो आप भारत के उन सभी निष्पक्ष व्यापारियों के अंगूठे काट देते हैं जो ईमानदारी से काम करते हैं।”
असदुद्दीन ओवैसी ने अनुच्छेद 26 का हवाला देते हुए धार्मिक स्वतंत्रता और वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। उन्होंने प्रधानमंत्री के वक्फ पर दिए गए बयान की आलोचना की और इसे संविधान विरोधी बताया।
अनुच्छेद 26 धार्मिक समूहों को धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए संस्थान स्थापित करने और प्रबंधित करने का अधिकार देता है। ओवैसी ने इस अनुच्छेद का जिक्र करते हुए सरकार की वक्फ संपत्तियों पर रुख की आलोचना की।
हां, ओवैसी ने अपने भाषण में संविधान की रक्षा, धार्मिक स्वतंत्रता, और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर जोर दिया।
जी हां, राहुल गांधी ने जाति जनगणना, सामाजिक और आर्थिक समानता, और सरकारी संस्थाओं पर कब्जे के मुद्दे उठाए। उन्होंने सावरकर और संविधान पर आरएसएस के विचारों की आलोचना की।
ओवैसी का मानना है कि वक्फ संपत्तियों को सरकारी ताकत के आधार पर छीना जा रहा है, जो संविधान के अनुच्छेद 26 का उल्लंघन है।