Bhagavad Gita in Uttarakhand School | Photo Credit: IBC24
नई दिल्ली: Bhagavad Gita in Uttarakhand School धामी सरकार ने सरकारी स्कूलों में गीता को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने का आदेश दिया है। अगले शैक्षणिक सत्र से इसकी शुरूआत हो जाएगी, लेकिन सरकार का ये फैसला कांग्रेस को रास नहीं आ रहा। कांग्रेस ने बीजेपी पर शिक्षा के भग्वाकरण पर आरोप लगाया तो बीजेपी ने तुष्टीकरण पर कांग्रेस को घेरा।
Bhagavad Gita in Uttarakhand School देवों की भूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड के स्कूलों में अब बच्चों को श्रीमद् भगवद्गीता भी पढ़ाई जाएगी। उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। सरकारी स्कूलों की प्रार्थना सभा में बच्चों को रोज गीता का एक श्लोक अर्थ सहित समझाया जाएगा। सरकार की सोच है कि बच्चों को आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ भारतीय ज्ञान परंपरा से जोड़कर श्रेष्ठ नागरिक बनाया जाए। इसके तहत टीचर हर हफ्ते गीता के एक श्लोक को ‘सप्ताह का श्लोक’ घोषित करेंगे। श्लोक को नोटिस बोर्ड पर अर्थ सहित लिखा जाएगा। स्टूडेंट्स श्लोक का अभ्यास करेंगे और सप्ताह के अंत में चर्चा कर उसका ‘फीडबैक’ लिया जाएगा। टीचर छात्रों के बीच समय-समय पर श्लोकों की व्याख्या करेंगे और जीवन मूल्यों की जानकारी देंगे। लेकिन कांग्रेस को सरकार की ये पहल रास नहीं आ रही कांग्रेस ने इसे बीजेपी के भगवाकरण एजेंडे का हिस्सा बताकर निशाना साधा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान परंपरा को बढ़ावा देने पर जोर है। उसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए उत्तराखंड सरकार ये आदेश जारी किया है। गीता दुनिया का सबसे लोकप्रिय ग्रंथ है। जिसमें लिखी बातें देश-काल की सीमाओं से परे हैं, हालांकि ये पहली मर्तबा नहीं है जब धामी सरकार ने भारतीय ज्ञान परंपरा से स्कली शिक्षा को जोड़ा हो। इससे पहले ऑपरेशन कालनेमि और देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू कर सबको चौंकाया था।