बर्धमान (पश्चिम बंगाल), 18 मई (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह केंद्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग करने के लिए हमेशा तैयार हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाने के कानूनी विकल्पों की तलाश करेंगे।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में अदालत के पुराने आदेश को वापस लेने के अनुरोध वाली तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव की याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी। अदालत ने अपने पुराने आदेश में कहा था कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी जांच एजेंसियां शिक्षक भर्ती घोटाले में उनसे पूछताछ कर सकती हैं।
पत्रकारों से बातचीत में बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं न्यायपालिका और अदालत का पूरा सम्मान करता हूं। मुझे जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करने में कोई दिक्कत नहीं है। पहले भी केन्द्रीय एजेंसियों ने जब कभी मुझे समन किया है, मैं उनके समक्ष उपस्थित हुआ हूं और पूरा सहयोग दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, देश के एक नागरिक होने के नाते मैं कभी भी ऊपरी अदालत का रूख कर सकता हूं। कलकत्ता उच्च न्यायालय से आदेश की प्रति प्राप्त होते ही, मैं ऊपरी अदालत में जाने के विकल्प की तलाश करूंगा, फिर चाहे वह उच्चतम न्यायालय हो या फिर खंड पीठ। मुझे न्यायपालिका में पूरा भरोसा है।’’
‘तृणमूल ए नबज्वार’ (तृणमूल में नयी लहर) कार्यक्रम के तहत फिलहाल पश्चिम बर्धमान जिले में मौजूद बनर्जी ने कहा कि अगर सीबीआई (केन्द्रीय जांच ब्यूरो) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उन्हें पूछताछ के लिए समन करते हैं तो वह ‘‘कार्यक्रम को एक दिन के लिए स्थगित करके वहां जाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं 25 अप्रैल से राज्य के दौरे पर हूं। लेकिन अगर सीबीआई या ईडी मुझे पूछताछ के लिए बुलाते हैं तो, मैं जनता तक पहुंचने के कार्यक्रम को एक दिन के लिए स्थगित करके वहां जाउंगा। मैंने कोई गलती नहीं की है और मुझे केन्द्रीय एजेंसियों का कोई डर नहीं है।’’
बनर्जी की याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने तृणमूल कांग्रेस के नेता और घोटाले के एक आरोपी कुंतल घोष पर 25-25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
घोष फिलहाल सीबीआई की हिरासत में हैं और उन पर पश्चिम बंगाल के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितता का आरोप है।
तृणमूल कांग्रेस के नेता का नाम घोष द्वारा दर्ज करायी गई शिकायत में सामने आया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि केन्द्रीय एजेंसियां उनपर भर्ती घोटाले में अभिषेक बनर्जी का नाम लेने का दबाव बना रही हैं।
न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने 13 अप्रैल के अपने आदेश में कहा था कि केन्द्रीय एजेंसियां आरोपी कुंतल घोष और अभिषेक बनर्जी से पूछताछ कर सकती हैं।
भाषा अर्पणा अविनाश
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