देश में फिर बदले जाएंगे बंद हुए नोट? सुप्रीम कोर्ट से दे सकती है इजाजत

कोर्ट ने कहा कि हम एक तंत्र बनाने पर विचार करेंगे, जिसमें विशेष मामलों में पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों को बदलने के विकल्प देखेंगे। रिजर्व बैंक यह 2017 के कानून की धारा 4(2)(3) के तहत कर सकता है।

देश में फिर बदले जाएंगे बंद हुए नोट? सुप्रीम कोर्ट से दे सकती है इजाजत

Latest update on 500 and 1000 rupess note

Modified Date: November 29, 2022 / 08:06 pm IST
Published Date: November 26, 2022 1:37 pm IST

Challenging the notification of demonetisation :नई दिल्ली । देश में नोटबंदी की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शुक्रवार को संविधान पीठ के सामने सुनवाई हुई है, जस्टिस एसए नजीर की अध्यक्षता वाली 5 जजों की पीठ ने संकेत दिया कि पुराने नोटों को बदलने के लिए एक व्यवस्था बनाने पर विचार किया जाएगा। हालांकि, कुछ विशेष मामलों में ही अनुमति दी जाएगी। संविधान पीठ इस मामले में 5 दिसंबर को सुनवाई जारी रखेगी।

इन याचिकाओं में नोटबंदी की 8 नवंबर 2016 की अधिसूचना को अवैध बताते हुए चुनौती दी गई है। केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल वेंकटरमणि ने कहा कि कोर्ट इस तरह का आदेश नहीं दे सकता।

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Challenging the notification of demonetisation :नोटबंदी के बाद नोट बदले जाने के लिए विंडो को काफी आगे बढ़ाया गया था लेकिन लोगों ने इसका फायदा नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि कुछ विशेष मामलों में सरकार नोट बदले जाने के बारे में विचार कर सकती है।

शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने नोटंबदी की अधिसूचना का बचाव किया। उन्होंने कहा कि यह जाली नोट की समस्या और आतंकवाद की फंडिंग रोकने के लिए उठाया गया कदम था।

कोर्ट ने कहा कि हम एक तंत्र बनाने पर विचार करेंगे, जिसमें विशेष मामलों में पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों को बदलने के विकल्प देखेंगे। रिजर्व बैंक यह 2017 के कानून की धारा 4(2)(3) के तहत कर सकता है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com