UPSC PRATIBHA Setu: UPSC के मेधावी अभ्यर्थी छूट भी जाए, तो चिंता नहीं! ‘प्रतिभा सेतु’ से बनेगा करियर का नया पुल…
UPSC PRATIBHA Setu: UPSC के मेधावी अभ्यर्थी छूट भी जाए, तो चिंता नहीं! 'प्रतिभा सेतु' से बनेगा करियर का नया पुल...

(UPSC PRATIBHA Setu, Image Credit: Meta AI)
- UPSC की ‘प्रतिभा सेतु’ योजना से मिलेगा दूसरा करियर मौका।
- सभी चरण पास करने वाले लेकिन चयन से चूके अभ्यर्थी होंगे शामिल।
- सरकारी और निजी कंपनियों को मिलेगा लॉग-इन एक्सेस।
दिल्ली: UPSC PRATIBHA Setu: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने एक बेहद खास पहल की शुरुआत की है जिसका नाम है ‘प्रतिभा सेतु’। इस योजना का उद्देश्य उन अभ्यर्थियों को करियर का दूसरा अवसर प्रदान करना है, जिन्होंने यूपीएससी की कठिन परीक्षाओं के सभी चरण तो पास जरूर कर लिए, लेकिन अंतिम मेरिट सूची में स्थान नहीं बना पाए। ऐसे प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों को अब निजी और सरकारी क्षेत्रों में नौकरियों के लिए ऑप्शन दिए जाएंगे।
‘प्रतिभा सेतु’ के जरिए जुड़ेंगी सरकारी और निजी कंपनियां
UPSC PRATIBHA Setu: दरअसल, इस योजना के जरिए केंद्र सरकार और निजी कंपनियों को यह सुविधा दी जाएगी कि वे इन योग्य लेकिन गैर-अनुशंसित उम्मीदवारों से सीधे जुड़ सकें। कंपनियों को आयोग की तरफ से लॉग-इन आईडी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे वे पोर्टल पर जाकर इन उम्मीदवारों की प्रोफाइल देख सकें और उनकी भर्ती कर सकें। यह पूरी प्रक्रिया स्वैच्छिक और पारदर्शी तरीके से होगी।
पहले ‘पब्लिक डिस्क्लोजर स्कीम’ नाम से शुरु हुई थी
पहले इस योजना की शुरुआत ‘पब्लिक डिस्क्लोजर स्कीम’ (PDS) के नाम से हुई थी, जिसे 20 अगस्त 2018 को लागू किया गया था। लेकिन अब इसे नया नाम देकर ज्यादा प्रभावी बनाया गया है। इसका उपयोग पहले संयुक्त चिकित्सा सेवा परीक्षा 2017 के उम्मीदवारों की जानकारी शेयर करने के लिए किया जाता था।
इन परीक्षाओं के अभ्यर्थी भी होंगे शामिल
UPSC PRATIBHA Setu: यह योजना सिविल सेवा परीक्षा, भारतीय वन सेवा, इंजीनियरिंग सेवा, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, संयुक्त भू-वैज्ञानिक, संयुक्त रक्षा सेवा, भारतीय आर्थिक सेवा/भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा और अन्य प्रमुख परीक्षाओं के गैर-अनुशंसित उम्मीदवारों को शामिल किया गया है। यानी जिन्होंने लिखित और इंटरव्यू दोनों उत्तीर्ण किया हो लेकिन मेरिट सूची में न आ पाएं हों।
10 हजार से ज्यादा कैंडिडेट्स का बायोडाटा मौजूद
यूपीएससी ने जानकारी दी कि इस योजना में फिलहाल 10,000 से ज्यादा योग्य उम्मीदवारों का बायोडाटा मौजूद है, जिसमें उनकी शैक्षणिक योग्यता, संपर्क विवरण और अन्य प्रमुख जानकारी शामिल है। यह कदम न केवल इन युवाओं को एक नई दिशा प्रदान करेगा, बल्कि कॉर्पोरेट और गवर्नमेंट सेक्टर को भी टैलेंट खोजने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।