Balraj Sahni Birth Anniversary : आम आदमी की पीड़ा को बड़े में पर्दे में उतारने वाले अभिनेता, इनकी ये फिल्में नहीं देखी तो कुछ नहीं देखा….
Balraj Sahni Birth Anniversary : आम आदमी की पीड़ा को बड़े में पर्दे में उतारने वाले अभिनेता, इनकी ये फिल्में नहीं देखी तो कुछ नहीं देखा....
मुंबई । Balraj Sahni Birth Anniversary आज हिंदी फिल्मों के मशहूर अभिनेता रहे बलराज साहनी की बर्थ एनिवर्सिरी है। वे एक ऐसे अभिनेता रहे जिन्होंने आम जन मानस की पीड़ा को बड़े पर्द पर उतारा। दिलीप कुमार और अशोक कुमार के दौर में बलराज साहनी ने ना केवल अपनी पहचान बनाई बल्कि एक हिंदी सिनेमा में अपना एक अलग स्थान बनाया। जहां तक पहुंच पाना हर किसी के बस में नहीं।बलराज साहनी अपने बचपन का शौक़ पूरा करने के लिये ‘इंडियन प्रोग्रेसिव थियेटर एसोसियेशन’ (इप्टा) में शामिल हो गये। ‘इप्टा’ में वर्ष 1946 में उन्हें सबसे पहले फणी मजमूदार के नाटक ‘इंसाफ’ में अभिनय करने का मौका मिला। इसके साथ ही ख़्वाजा अहमद अब्बास के निर्देशन में इप्टा की ही निर्मित फ़िल्म ‘धरती के लाल’ में भी बलराज साहनी को बतौर अभिनेता काम करने का मौका मिला। इप्टा से जुड़े रहने के कारण बलराज साहनी को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
वर्ष 1953 में बिमल राय के निर्देशन में बनी फ़िल्म दो बीघा ज़मीन बलराज साहनी के कैरियर में अहम पड़ाव साबित हुई। फ़िल्म दो बीघा ज़मीन की कामयाबी के बाद बलराज साहनी शोहरत की बुंलदियों पर जा पहुंचे। इस फ़िल्म के माध्यम से उन्होंने एक रिक्शावाले के किरदार को जीवंत कर दिया। रिक्शावाले को फ़िल्मी पर्दे पर साकार करने के लिये बलराज साहनी ने कलकत्ता की सड़कों पर 15 दिनों तक खुद रिक्शा चलाया
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प्रमुख फिल्में
दो बीघा ज़मीन
धरती के लाल
हमलोग
गर्म हवा
सीमा
वक़्त
कठपुतली
लाजवंती
सोने की चिड़िया
घर संसार
सट्टा बाज़ार
भाभी की चूड़ियाँ
हक़ीक़त
दो रास्ते
एक फूल दो माली
मेरे हमसफर
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