सिर्फ पढ़ने से बदल जाएगा भाग्य! जानें सफला एकादशी पर किस तरह करें विष्णु जी की पूजा और कौन-सा दान लाए धन, सुख और समृद्धि?

सफल एकादशी का व्रत भगवान विष्णु और कृष्ण को सबसे प्रिय माना जाता है। बड़ी दक्षिणा वाले यज्ञों की तुलना में यह व्रत अधिक संतोषजनक होता है। इसलिए भक्तों को पूरी निष्ठा और नियमपूर्वक एकादशी का उपवास करना चाहिए।

सिर्फ पढ़ने से बदल जाएगा भाग्य! जानें सफला एकादशी पर किस तरह करें विष्णु जी की पूजा और कौन-सा दान लाए धन, सुख और समृद्धि?

(Saphala Ekadashi 2025, Image Credit: IBC24 Archive)

Modified Date: December 14, 2025 / 10:45 am IST
Published Date: December 14, 2025 10:43 am IST
HIGHLIGHTS
  • इस वर्ष सफला एकादशी 15 दिसंबर को मनाई जाएगी।
  • द्वादशी युक्त एकादशी होने से इसका महत्व और बढ़ जाता है।
  • पूजा में फल, नारियल, तुलसी और पंचामृत का विशेष प्रयोग करें।

Saphala Ekadashi 2025: सफल एकादशी का व्रत भगवान विष्णु और कृष्ण को अत्यंत प्रिय माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि बड़ी-बड़ी दक्षिणा वाले यज्ञों से भी भगवान को उतना संतोष नहीं होता, जितना एकादशी-व्रत के अनुष्ठान से होता है। इसलिए भक्तों को पूरी निष्ठा और विधि विधान से यह व्रत करना चाहिए। पौष मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली सफला एकादशी इस वर्ष 15 दिसंबर को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा नारियल, सुपारी, नीबू, अनार, आंवला, लौंग, बेर और आम जैसे फलों से करनी चाहिए।

व्रत का समय और विशेष संयोग

सफला एकादशी इस वर्ष 14 दिसंबर को शाम 06:51 बजे शुरू होगी और 15 दिसंबर को रात 09:21 बजे समाप्त होगी। इस बार यह द्वादशी युक्त एकादशी है, इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। 15 दिसंबर को चित्रा नक्षत्र, शोभन और जयद योग भी रहेगा, जो व्रत के पुण्य और फल को विशेष बनाता है। इस दिन स्नान करके शुद्ध कपड़े पहनना और भगवान विष्णु तथा देवी लक्ष्मी को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराना शुभ माना जाता है।

पूजा विधि और अनुष्ठान

एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा में चंदन, इत्र, तुलसी, धूप-दीप, नैवेद्य और पान-सुपारी का प्रयोग करना चाहिए। इसके साथ ही नारियल, नीबू और विभिन्न फलों से भव्य पूजा की जाती है। भक्त इस दिन विशेष ध्यान और भक्ति भाव से पूजा करें, क्योंकि ऐसा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन के सभी कार्य सफल होते हैं। इस दिन चावल का सेवन वर्जित है।

 ⁠

दान और व्रत पारण

सफला एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति को द्वादशी तिथि पर व्रत का पारण करना चाहिए। पारण के समय ब्राह्मण को अन्न, वस्त्र और तिल का दान करने से पितरों की तृप्ति होती है। इसके अलावा, दान और पूजा से व्यक्ति अपने पापों से मुक्ति पाता है। इस प्रकार सफला एकादशी का व्रत न केवल धार्मिक बल्कि कर्म और पुण्य की दृष्टि से भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

इन्हें भी पढ़ें:


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

मैं 2018 से पत्रकारिता में सक्रिय हूँ। हिंदी साहित्य में मास्टर डिग्री के साथ, मैंने सरकारी विभागों में काम करने का भी अनुभव प्राप्त किया है, जिसमें एक साल के लिए कमिश्नर कार्यालय में कार्य शामिल है। पिछले 7 वर्षों से मैं लगातार एंटरटेनमेंट, टेक्नोलॉजी, बिजनेस और करियर बीट में लेखन और रिपोर्टिंग कर रहा हूँ।