मूवी रिव्यू : बोल्ड और बिंदास सेक्सोलॉजिस्ट के सब्जेक्ट को उठाने की कोशिश करती फिल्म ‘ख़ानदानी शफ़ाख़ाना’

मूवी रिव्यू : बोल्ड और बिंदास सेक्सोलॉजिस्ट के सब्जेक्ट को उठाने की कोशिश करती फिल्म 'ख़ानदानी शफ़ाख़ाना'

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  • Publish Date - December 4, 2022 / 02:34 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:04 PM IST

डायरेक्टर शिल्पी दासगुप्ता की फिल्म में सोनाक्षी सिंहा, वरुण शर्मा बादशाह अन्नू कपूर जैसे कलाकार हैं। फिल्म की कहानी होशियारपुर की रहने वाली बेबी (सोनाक्षी सिन्हा) की है, जिसके मामा (कुलभूषण खरबंदा) अपनी खानदानी शफ़ाख़ाना, बेबी के नाम कर देते हैं। अब कर्जे में डूबा मामा का पुश्तैनी सेक्स क्लीनिक ख़ानदानी शफ़ाख़ाना बेबी के नाम कर देने से बेबी का भाई बेदी (वरुण शर्मा) नाराज हो जाता है, अब घर को कर्जे से बचाने के लिए बेबी चैलेंज के तौर पर सेक्सोलॉजिस्ट बनकर ख़ानदानी शफ़ाख़ाना में लोगों के रोगों का इलाज करती है।

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बेबी के सेक्सोलॉजिस्ट का काम मोहल्ले के लोगों को पसंद नहीं आता और वो उसे परेशान करते हैं। कैरेक्टर पर सवाल उठाते हैं, ऐसे में मशूहर रैपर बादशाह बेबी के शफाखाना पहुंचा है, क्योंकि वो मामा का पुराना मरीज है जो उसने दवा लेता है, ऐसे में बेबी बादशाह को कनवेंस करती है कि वो लोगों से सेक्स से जुड़ी बीमारियों पर बात करने के लिए कहे, अब ऐसे ये कहानी आगे बढ़ती है उसे कौन सी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।

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फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा ने पंजाबी लड़का का रोल प्ले किया है, लेकिन वो भाषा में कमजोर पड़ती है वहीं एक्टिंग कुछ नया नहीं कर पाई, लेकिन एक बोल्ड और यूनिक सब्जेक्ट को सिलेक्ट करना उस पर काम करना बड़ी बात है वो सोनाक्षी ने बखूबी किया है, वरुण शर्मा जब जब स्क्रीन पर आते हैं आपको हंसा लेंगे वहीं बादशाह फिल्म में एक्टिंग क्यों की ये तो वो ही जाने वो अपने रोल में जरा भी फिट नहीं लगते, फिल्म के गाने ठीक ठाक हैं।

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फिल्म का फर्स्ट हाफ बोल्ड और बिंदास सेक्सोलॉजिस्ट के सब्जेक्ट को उठाने की कोशिश करता है, लेकिन सेकेंड हाफ में फिल्म बोरिंग और बोझिल होती है क्लाइमैक्स ठीक है, कुल मिलाकर ये फिल्म भी सोनाक्षी सिन्हा के डूबते करियर को उबार नहीं पाएगी क्योंकि फिल्म का सब्जेक्ट ऐसा है जिसपर लोग बात नहीं करना चाहते तो फिर उसे देखने क्यों जाएंगे।